यद्यपि आप ट्रेन की आरक्षित बोगी में सफर कर रहे हैं, लेकिन सोने से पहले अपने सामान की सुरक्षा सुनिश्चित करें। रेल मंडल में एक चोर गैंग सक्रिय है जो ट्रेनों में लोगों के गहने व नकदी चुरा रहा है। 15 अप्रैल से 30 अप्रैल के बीच मुरादाबाद जीआरपी क्षेत्र में तीन घटनाएं हुईं।
16 अप्रैल, 18 अप्रैल और 25 अप्रैल को पहली घटना हुई। तीनों में आरक्षित बोगियों से यात्रियों के बैग या पर्स, जिनमें गहने और नकदी थी, चोरी हुए। स्लीपर क्लास से एसी बोगियों तक घटनाएं हो रही हैं।
15 दिन में दर्ज हुए मुकदमों के अनुसार लगभग छह लाख के गहने और चालिस हजार से अधिक कैश चोरी हुए हैं। GRP इस मामले की जांच कर रहा है। चार लोगों को गैंग बनाकर चोरी करने के आरोप में भी गिरफ्तार किया गया है, लेकिन मामला अभी तक हल नहीं हुआ है।
यह भी स्पष्ट नहीं है कि इन तीन घटनाओं का आरोपी यही है या कोई और है। पिछले वर्ष, आरपीएफ ने आरक्षित बोगियों में चोरी करने वाले सांसी गिरोह को भी गिरफ्तार किया था। ये गैंग ट्रेनों में टिकट खरीदकर यात्रियों के बीच चलता था।
केस 1: 16 अप्रैल को शीलू ठठेर हावड़ा से ऋषिकेश जाने वाली दून एक्सप्रेस (13009) के एस-1 कोच में अपने परिवार के साथ सफर कर रही थीं। ट्रेन रात 12:15 बजे मुरादाबाद जीआरपी क्षेत्र में पहुंची। उसी समय यात्री का बैग चोरी हुआ। उसमें कुछ सामान, दो मोबाइल, दो सोने की चेन और एक मंगलसूत्र था। 21 अप्रैल को महिला ने यात्रा से वापस आकर शिकायत दी।
Case Three: 25 अप्रैल को संतोष कुमार गुप्ता और उनका परिवार देहरादून से गोरखपुर के लिए 15006 राप्ती गंगा एक्सप्रेस में सवार हुए। उनका आरक्षण दूसरे AC कोच में था। जब ट्रेन मुरादाबाद से चली, एक युवक उनकी पत्नी का हैंडबैग लेकर भाग गया। शिकायतकर्ता ने दावा किया कि हैंड बैग में मंगलसूत्र, दो अंगूठी और अन्य गहने थे। तीस हजार रुपये कैश भी था। गहनों की बताई गई कीमत लगभग ३.५ लाख रुपये है। यात्रियों ने गोरखपुर जाकर मामला दर्ज कराया, जो मुरादाबाद थाने भेजा जाएगा।
पिछले दिनों की घटनाओं पर हमारा कर्मचारी काम कर रहा है। चार आरोपी गिरफ्तार कर जेल भेजे गए हैं। कुछ अन्य आरोपियों को गिरफ्तार करना होगा। हमारी टीमें लगी हुई हैं,