UP: बहन की मौत बहन के हाथों चली गोली से हुई, पिता ने कहा कि बेटा तमंचा बाहर से लाया था, मां ने बताया

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उन्नाव जिले के सदर कोतवाली क्षेत्र के एक गांव में बुधवार रात भाई ने बहन को खेल-खेल में मार डाला। घर पर तीन भाई-बहन आपस में खेल रहे थे जब उनके परिजन एक दूसरे के घर गए थे। 10 वर्षीय भाई ने खेल-खेल में ट्रिगर को गोली मार दी, जिससे 13 वर्षीय बहन के पेट में गोली लगी। अस्पताल ले जाते समय वह मर गया।

बुधवार रात को उन्नाव जिले के सदर कोतवाली क्षेत्र के एक गांव में खेल-खेल में एक भाई ने बहन को मार डाला। तीन भाई-बहन घर पर आपस में खेल रहे थे जब उनके माता-पिता एक दूसरे के घर गए थे। 10 वर्षीय भाई ने खेल-खेल में 10 वर्षीय ट्रिगर को गोली मार दी, जिससे 13 वर्षीय बहन के पेट में गोली लगी। अस्पताल ले जाते समय उसकी मौत हो गई।

जब वह तमंचे से खेलने लगा, तो ट्रिगर गिर पड़ा। कमरे में सामने खड़ी सबसे बड़ी बहन के पेट में नीचे की ओर दाहिनी तरफ गोली लगी। किशोरी को फायर की आवाज सुनने और छोटे भाई से मदद मांगने के बाद भी पड़ोसी करीब एक घंटे तक किशोरी को अस्पताल ले जाने की हिम्मत नहीं जुटा पाए। जानकारी मिलते ही माता-पिता घर आए।

बेटा कहीं से लाया गया था तमंचा पिता अपनी लहूलुहान बेटी को जिला अस्पताल ले जा रहा था, लेकिन रास्ते में वह मर गया। सूचना मिलते ही सदर कोतवाल प्रमोद कुमार मिश्रा ने जांच की। पिता ने पुलिस को बताया कि घर में कोई तमंचा नहीं था। बेटा कहीं से आया था। घटनास्थल से भी फोरेंसिक टीम ने साक्ष्य जुटाए हैं। पुलिस कारतूस लगा तमंचा बाहर से लाने की बात मान नहीं रही है।

मां की तहरीर पर रिपोर्ट सदर कोतवाल ने धारा 304 ए (किसी व्यक्ति द्वारा उतावलेपन में या उपेक्षापूर्ण तरीके से किए किसी कार्य से हत्या हो जाए, जिसका आरोपी बिल्कुल भी नहीं जानता) के तहत दर्ज की है। परीक्षण जारी है। परीक्षण बताएगा कि बच्चा तमंचा कहां से लाया था। मृतक इंटर की विद्यार्थी थी।

बहन को अस्पताल ले जाने की कोशिश करता रहा

घटना के समय घर के आसपास लगे सीसीटीवी फुटेज पुलिस ने खंगाले हैं। फुटेज में बहन को गोली लगने के बाद भाई ने पड़ोसियों से बहन को अस्पताल पहुंचाने के लिए गिड़गिड़ाया है।

जमानत पर छूट गया पिता कोतवाल ने बताया कि मृतक के पिता पर अभी तक दो मुकदमे दर्ज हुए हैं। एक मामला जमीन की धोखाधड़ी का है, जबकि दूसरा मामला मारपीट का है। वह कुछ दिन पहले जमानत पर रिहा हुआ है। कुछ अतिरिक्त मामले, जो अभी दर्ज नहीं हैं, भी जांच किए जा रहे हैं।