देहरादून। वित्तीय वर्ष 2025_26 के लिए वित्त मंत्री ने उत्तराखंड विधानसभा में बजट पेश किया। वित्त मंत्री ने लगभग एक लाख करोड़ के बजट को आज सदन में पेश किया।

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उत्तराखंड के वित्त मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने सदन में वित्तीय वर्ष 2025-26 का बजट पेश किया। यह बजट 1,01,175 करोड़ का है। इस बजट में कृषि, ऊर्जा, इंफ्रास्ट्रक्चर, कनेक्टिविटी, आयुष, कृषि और पर्यटन जैसे सात मुख्य क्षेत्रों पर ज़ोर दिया गया है। सरकार राज्य के विकास के लिए प्रतिबद्ध है। बजट पेश करने से पहले वित्त मंत्री ने उत्तराखंड के निर्माण में योगदान देने वाले शहीदों को श्रद्धांजलि दी। उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के शब्दों को याद करते हुए कहा कि राज्य सरलीकरण, समाधान और निस्तारण के रास्ते पर
चल रहा है।

पुष्कर सिंह धामी सरकार राजनीति के मोर्चे पर सीधे ढंग से आगे बढ़ने के साथ विकास और आर्थिक सशक्तीकरण के एजेंडे को लेकर सतर्क है।

सरकार गुरुवार को विधानसभा में अपना चौथा बजट प्रस्तुत करेगी तो उसे एक बार फिर जनाकांक्षाओं के दबाव से जूझना पड़ेगा।

पुष्कर सिंह धामी सरकार राजनीति के मोर्चे पर सीधे ढंग से आगे बढ़ने के साथ विकास और आर्थिक सशक्तीकरण के एजेंडे को लेकर सतर्क है। सरकार गुरुवार को विधानसभा में अपना चौथा बजट प्रस्तुत करेगी तो उसे एक बार फिर जनाकांक्षाओं के दबाव से जूझना पड़ेगा।

उत्तराखंड को सशक्त बनाने के अपने संकल्प को धरातल पर उतारने के लिए मुख्यमंत्री धामी नए बजट में प्रदेश में आध्यात्मिक पर्यटन के साथ दो नए शहरों के विकास और महिलाओं व युवाओं को लेकर नई गेमचेंजर योजनाओं पर दांव खेल सकते हैं।

धामी सरकार के लिए वर्ष 2025-26 चुनौतियों से भरपूर रहने वाला है तो इसके स्पष्ट कारण भी हैं। वर्ष 2024-25 में विकास कार्यों को गति देने की सरकार की मंशा पर चुनाव की आचार संहिता ने ब्रेक लगा दिया। पहले लोकसभा चुनाव की आचार संहिता के लंबे दौर के बाद मुख्यमंत्री धामी को लगातार तीन विधानसभा सीटों पर हुए उपचुनाव से जूझना पड़ा।

बजट में सात बिंदुओं रहा फोकस-

कृषि

उद्योग

ऊर्जा

अवसंरचना

संयोजकता

संयोजकता

पर्यटन

आयुष

इन क्षेत्रों में हुआ इतने करोड़ का प्रावधान….. एमएसएमई उद्योगों के लिए 50 करोड़। मेगा इंडस्ट्री नीति के लिए 35 करोड़। स्टार्टअप उद्यमिता प्रोत्साहन के लिए 30 करोड़। यूजेवीएनएल की तीन बैटरी आधारित परिजनाएं मार्च 2026 तक पूरी होंगी।

मेगा प्रोजेक्ट योजना के तहत 500 करोड़। जमरानी बांध के लिए 625 करोड़। सौंग बांध के लिए 75 करोड़ ।

लखवाड़ के लिए 285 करोड़ राज्यों के लिए विशेष पूंजीगत सहायता के तहत 1500 करोड़।

जल जीवन मिशन के लिए 1843 करोड़। नगर पेयजल के लिए 100 करोड़।

अनुसूचित जाति बाहुल्य क्षेत्रों के विकास के लिए 60 करोड़।

अल्पसंख्यक बाहुल्य क्षेत्रों के लिए 08 करोड़ मिलेंगे।

पूंजीगत मद में लोनिवि को 1268.70 करोड़। पीएमजीएसवाई के तहत 1065 करोड़। नागरिक उड्डयन विभाग को 36.88 करोड़। बस अड्डों के निर्माण के लिए 15 करोड़ मिलेंगे। लोनिवि में सड़क अनुरक्षण के लिए 900 करोड़ पर्यटन के लिए…

पूंजीगत कार्यों के विकास के लिए 100 करोड़। टिहरी झील के विकास के लिए 100 करोड़। मानसखंड योजना के विकास के लिए 25 करोड़। वाइब्रेंट विलेज योजना के लिए 20 करोड़। नए पर्यटन स्थलों के विकास के लिए 10 करोड़। चारधाम मार्ग सुधारीकरण के लिए 10 करोड़।

ये काम होंगे

220 किमी नई सड़कें बनेंगी।

1000 किमी सड़कों का पुनर्निर्माण

1550 किमी मार्ग नवीनीकरण

1200 किमी सड़क सुरक्षा कार्य और 37 पुल

बनाने का लक्ष्य है।

इकोलॉजी के साथ-साथ इकोनॉमी

सतत विकास के लक्ष्यों को प्राप्त करना। पर्यावरणोन्मुखी नीतियों का निर्धारण। स्वच्छ पर्यावरण एवं प्राकृतिक संसाधनों के संरक्षण पर बल।

स्थिति-स्थापक पर्यावरण की सुनिश्चितीकरण।

महत्वपूर्ण योजना / प्रावधान

कैम्पा योजना के लिए 395 करोड़। जलवायु परिवर्तन शमन के लिए 60 करोड़। स्प्रिंग एंड रिवर रेजुबिनेशन प्राधिकरण (सारा) के अन्तर्गत 125 करोड़।
सार्वजनिक वनों के सृजन हेतु 10 करोड़।