Uttarakhand प्रदेश: 19 शहर दो साल के भीतर नई पेयजल योजनाओं से प्यास को कम करेंगे, अमृत-2 के पहले चरण का काम शुरू

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प्रदेश के 19 शहरों में अगले दो वर्षों में 264 करोड़ से अधिक की पेयजल योजनाओं से लोगों की प्यास बुझेगी। शासन से अनुमति मिलने के बाद इन परियोजनाओं का काम शुरू हो गया है। इनमें से सात के निर्माण कार्य शुरू हो गए हैं, जबकि तीस परियोजनाओं का टेंडर अभी जारी है।

वास्तव में, अटल मिशन फॉर रिजूविनेशन एंड अर्बन ट्रांसफोर्मेशन (अमृत) ने देहरादून, हरिद्वार, हल्द्वानी, रुद्रपुर, काशीपुर, रुड़की और नैनीताल में पेयजल, सीवर, बाढ़ के पानी की निकासी और शौचालय बनाए। केंद्र सरकार ने अमृत 2.0 योजना पिछले वर्ष शुरू की थी। इसके लिए राज्य के 38 शहरों को चुना गया था।

परियोजनाओं की तकनीकी परख चल रही

इनमें से पहले चरण में, 19 डीपीसी को शासन और केंद्र से अनुमति मिलने के बाद काम शुरू हुआ। इनमें से चार पेयजल योजनाओं (नरेंद्रनगर, मुनिकीरेती, दुगड्डा और शास्त्रीनगर देहरादून) को इसी साल पूरा किया जाएगा। अगले वर्ष शक्तिगढ़, लालकुआं और पोखरी में पेयजल योजनाओं का काम पूरा हो जाएगा।

शेष परियोजनाओं का टेंडर अभी चल रहा है। विभिन्न परियोजनाओं की तकनीकी जांच जारी है। टेंडर इसी पर जारी किए जाएंगे। शहरी विकास विभाग और पेयजल निगम इन परियोजनाओं को संभालेंगे।

किस निकाय में होंगे अमृत-2 के पहले चरण के काम

शक्तिगढ़ ऊधमसिंह नगर, नरेंद्रनगर टिहरी गढ़वाल, पौड़ी, मुनिकीरेती ढालवाला टिहरी गढ़वाल, लालकुआं नैनीताल, दुगड्डा पौड़ी, शास्त्रीनगर देहरादून, पोखरी चमोली, गौचर चमोली, सतपुली पौड़ी, बनबसा चंपावत, स्वर्गाश्रम पौड़ी, कर्णप्रयाग चमोली, डीडीहाट पिथौरागढ़, नानकमत्ता ऊध