SMS स्कैम करने वालों पर चला सरकारी हंटर, फर्जी कॉल और एसएमएस को पहचानने का यह है आसान तरीका

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पिछले तीन महीने में 10000 से अधिक मैसेज भेजकर अनेकों लोगों को ठगी का शिकार बनाया गया या उनसे पैसे एंठने का प्रयास किया गया। ऐसा करने में 8 संस्थाएं शामिल थीं जिन्हें अब सरकार ने कार्रवाई करते हुए ब्लैक लिस्ट में डाल दिया है। टेलीकॉम की भाषा में प्रिंसिपल इंटिटीज एसएमएस हेडर का उपयोग करके लोगों के पास फर्जी कॉल या एसएमएस करती हैं।

पीटीआई, नई दिल्ली। एसएमएस स्कैम करने वालों पर नकेल कसने को लेकर सरकार सख्त है। सरकार ने एसएमएस घोटालेबाजों पर बड़ी कार्रवाई करते हुए कई संस्थाओं को ब्लैक लिस्ट कर दिया है। इन संस्थाओं के द्वारा पिछले तीन महीने में 10,000 से भी ज्यादा धोखाधड़ी वाले मैसेज आम लोगों के पास भेजे गए थे।

लोगों की प्राइवेसी और सिक्योरिटी को ध्यान में रखते हुए डिपार्टमेंट ऑफ टेलीकॉम (DoT) ने मिनिस्ट्री ऑफ होम अफेयर्स के साथ मिलकर ये बड़ी कार्रवाई की है। ऐसा करने के लिए संचार साथी पहल की भी मदद ली गई है। भारतीय साइबर अपराध समन्वय केंद्र (I4C) ने साइबर अपराध करने के लिए धोखाधड़ी वाले संचार भेजने के लिए आठ एसएमएस हेडर के गलत इस्तेमाल को लेकर कुछ दिन पहले जानकारी दी थी।

फर्जी SMS करने वालों पर एक्शन

ध्यान देने वाली बात है कि पिछले तीन महीने में 10,000 से अधिक मैसेज भेजकर अनेकों लोगों को ठगी का शिकार बनाया गया या उनसे पैसे एंठने का प्रयास किया गया। ऐसा करने में 8 संस्थाएं शामिल थीं, जिनको अब सरकार ने कार्रवाई करते हुए ब्लैक लिस्ट में डाल दिया है।

टेलीकॉम की भाषा में प्रिंसिपल इंटिटीज ऐसी संस्थाओं को कहते हैं, जो एसएमएस हेडर का उपयोग करके लोगों के पास फर्जी कॉल या एसएमएस करती हैं।

संस्था ने दी सतर्क रहने की सलाह

प्रेस रिलीज के अनुसार, इन प्रमुख संस्थाओं के स्वामित्व वाले सभी 73 एसएमएस हेडर और 1,522 एसएमएस सामग्री टेम्पलेट्स को भी ब्लैकलिस्ट कर दिया गया है। DoT ने इन संस्थाओं पर एक्शन लेते हुए लोगों को ऐसे स्कैम व फ्रॉड्स को लेकर सतर्क होने को लेकर जागरुक किया है।

डिपार्टमेंट के द्वारा लोगों को ऐसे स्कैम से सेफ रहने की सलाह दी गई है। कहा गया कि नागरिकों को अगर कुछ भी संदिग्ध लगता है तो वह चक्षु पोर्टल के माध्यम से इनकी शिकायत कर सकते हैं। इसके अलावा 1909 डायल करके भी शिकायत की जा सकती है।

साथ ही रिलीज में कहा गया कि ऐसे फर्जी कॉल से खुद को सेफ रखने के लिए डू नॉट डिस्ट्रब मोड का भी इस्तेमाल कर सकते हैं। चेतावनी देते हुए सरकारी संस्था ने कहा टेलीमार्केटिंग गतिविधियों के लिए मोबाइल नंबरों के उपयोग की अनुमति नहीं है।

अगर कोई ऐसा करता है तो पहली बार शिकायत होने पर ही टेलीफोन कनेक्शन काट दिया जाता है। साथ ही दो साल के लिए उसे ब्लैक लिस्ट में भी डाल दिया जाता है। ऐसी कॉल आमतौर पर 180, 140 से शुरू होती हैं।