जायसवाल परिवार ने गर्मियों की छुट्टियों में उत्तराखंड घूमने के दौरान दोगांव में हुआ हादसा कभी नहीं भूलेगा। हादसे में गंभीर रूप से घायल 30 वर्षीय विशाल जायसवाल ने रास्ते में मर गया। घायलों को विशाल की मृत्यु की सूचना नहीं दी गई क्योंकि उन्हें इसकी मौत का सदमा नहीं लगा था। बताया गया है कि
सुल्तानपुर से उत्तराखंड की यात्रा पर निकलने वाले जायसवाल परिवार के कुछ सदस्यों ने गुजरात के बडोदरा से भी यात्रा में भाग लिया था। परिवार तीन दिन पहले सुल्तानपुर से उत्तराखंड चला गया था। यहां से हरिद्वार और ऋषिकेश की सैर करने के बाद परिवार नैनीताल गया था। नैनीताल पहुंचने तक विशाल ने ही गाड़ी चलाई थी, लेकिन वापसी पर नाना गुलाब चंद्र जायसवाल के आग्रह पर विशाल ने नाना को गाड़ी चलाने के लिए सौंप दी। दोगांव के पास चालक का गाड़ी से नियंत्रण हट गया, जिसके परिणामस्वरूप कार खाई में जा गिरी। विशाल की मौत की खबर मिलते ही नाना को शायद खेद हुआ होगा कि अगर उन्होंने विशाल को गाड़ी चलाने के लिए नहीं कहा होता तो शायद उसे बचाया जा सकता था।घायल आयुषी ने बताया कि वह सिर्फ सुल्तानपुर से डीफार्मा की पढ़ाई कर रही है और नीट का भी अभ्यास किया है। वह परिवार के साथ गर्मी की छुट्टियों में तीन दिन पहले उत्तराखंड पहुंचे थे। हरिद्वार और ऋषिकेश का दौरा करने के बाद शुक्रवार को ही वे नैनीताल पहुँचे थे। यहां से वे वापस अयोध्या चले गए। वह हादसे के समय सोई हुई थी। इस दौरान एक दुर्घटना हुई।
जायसवाल समाज के लोग मदद के लिए पहुंचे
हादसे की सूचना मिलते ही जायसवाल समाज के सदस्यों ने भी सुशीला तिवारी अस्पताल में घायलों की मदद की। उन लोगों ने घायलों को प्रेरित किया और हर संभव मदद करने का वादा किया। मुक्ति धाम समिति के अध्यक्ष और जायसवाल समाज के संरक्षक राम बाबू जायसवाल ने कहा कि घायलों को उचित चिकित्सा दी जा रही है। घायलों के रिश्तेदार हल्द्वानी चले गए हैं। जायसवाल समाज के सदस्य घायलों की सहायता करेंगे जब तक उनके परिजन नहीं आते। प्रशासन और अस्पताल प्रबंधन भी पूरी तरह से सहयोग कर रहे हैं।
प्रशासन ने घायलों का हालचाल जाना
घायलों को देर शाम सिटी मजिस्ट्रेट एपी बाजपेयी और एसडीएम परितोष वर्मा ने देखा। बाजपेयी ने घायलों से बातचीत के बाद कहा कि चालक भी शायद नींद में था, इसलिए यह हादसा हुआ था। जब सिटी मजिस्ट्रेट ने घायलों से पूछा, तो कोई भी घायल हादसे का कारण नहीं बता सका। उन्हें बताया गया कि हादसा दो गांवों के आसपास हुआ था और गाड़ी 7 सीटर थी, लेकिन 12 लोगों से अधिक सवार थे। हादसा हुआ उस समय अधिकांश गाड़ी में सवार लोग नींद में थे।