चार दिन बीत गए हैं जब अल्मोड़ा के बिनसर में वनाग्नि की घटना हुई है, लेकिन अभी भी नाबालिग फॉयर वॉचर की गुत्थी हल नहीं हो सकी है। कैबिनेट मंत्री के पीड़ित परिवारों से बातचीत करने के बावजूद भी इस मामले में कोई समाधान नहीं निकल सका। वन विभाग अब भी उसे अपना कर्मी नहीं मानता। वन विभाग ने स्पष्ट रूप से कहा कि मृतक नाबालिग को उसके दस्तावेजों में कोई फॉयर वॉचर नहीं है, लेकिन उसके पिता को नौकरी मिलेगी।
बिनसर अभयारण्य में बृहस्पतिवार को चार वन कर्मियों की वनाग्नि से मौत हो गई, उनमें 17 वर्षीय भेटूली निवासी करन भी शामिल था। परिजनों ने बताया कि वन विभाग ने उसे फॉयर वॉचर के रूप में नियुक्त किया था, लेकिन विभाग ने उसे अपना कर्मचारी नहीं मानना चाहा। सोमवार को कैबिनेट मंत्री रेखा आर्या ने मृतक के परिजनों से मुलाकात करते समय यह मुद्दा उठाया। अब भी विभाग साफ तौर पर कहता है कि उसके पास नाबालिग फॉयर वॉचर की नियुक्ति से संबंधित कोई दस्तावेज नहीं है। साथ ही विभाग ने कहा कि मृतक के पिता को विभाग में नौकरी मिलेगी। यह काम क्या होगा, इसका स्पष्ट जवाब किसीके पास नहीं है।
मृतक नाबालिग फायर वॉचर नहीं था। इससे संबंधित कोई दस्तावेज विभाग के पास मौजूद नहीं है। मृतक के पिता को विभाग रोजगार देगा।