उत्तराखंड में 2,917 बेसिक शिक्षक पदों पर डीएलएड कर भर्ती में गलत तथ्यों के आधार पर शामिल होने के मामले की जांच होगी। 17 जून को अमर उजाला में प्रकाशित खबर में शिक्षा मंत्री डा. धन सिंह रावत ने कहा कि ऐसे आवेदन शिक्षक भर्ती में रद्द किए जाएंगे।
उत्तराखंड के स्थानीय युवा ही शिक्षक होंगे। प्रदेश में शिक्षकों की भर्ती में बाहरी राज्यों से डीएलएड प्राप्त करने वाले उम्मीदवारों के प्रमाणपत्रों की जांच होगी। शिक्षा मंत्री डा. धन सिंह रावत ने कहा कि अगर कोई अपने आप को उत्तर प्रदेश का मूल निवासी बताकर फर्जी तथ्यों पर डिप्लोमा लेता है, तो उसका आवेदन रद्द किया जाएगा।
मूल या स्थायी निवासी होना जरूरी
शिक्षा विभाग के अधिकारियों को इस बारे में बताया गया है। मंत्री ने कहा कि राज्य के युवाओं को शिक्षक भर्ती से कोई नुकसान नहीं होगा। डीएलएड के फर्जीवाड़े से पूरा मामला जुड़ा हुआ है। डीएलएड के लिए राज्य में स्थायी या मूल निवासी होना आवश्यक है। राज्य के युवाओं को जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थानों में सभी सीटें मिलती हैं। उत्तर प्रदेश और कुछ अन्य राज्यों में भी यही व्यवस्था है।