उत्तरकाशी: उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में मंगलवार को धराली गांव में बादल फटने की घटना ने पूरे इलाके में तबाही मचा दी। दोपहर करीब 1:50 बजे आए इस प्राकृतिक कहर में महज 20 सेकंड में खीरगंगा नदी में आई बाढ़ और मलबा धराली बाजार की ओर मुड़ गया। नतीजतन 20 से 25 होटल, घर और होम स्टे बह गए। चार लोगों की मौत हो गई है और करीब 70 लोग लापता हैं।
प्रत्यक्षदर्शियों की जुबानी—20 सेकंड में तबाही
स्थानीय लोगों के मुताबिक, दोपहर अचानक गांव के ऊपर बादल फटा और तेज आवाज के साथ खीरगंगा नदी उफान पर आ गई। तेज बहाव ने देखते ही देखते बाजार को अपनी चपेट में ले लिया। लोग जान बचाने के लिए इधर-उधर भागे, लेकिन तब तक मलबा होटल, दुकानें, घर और सेब के बागानों को बहा चुका था।

कल्प मंदिर भी मलबे में समाया
बादल फटने से केवल व्यावसायिक संपत्तियां ही नहीं, बल्कि धार्मिक स्थल भी प्रभावित हुए हैं। प्रसिद्ध कल्प मंदिर भी इस आपदा में मलबे में दब गया है। धराली का मुख्य बाजार पूरी तरह तबाह हो चुका है।
राहत कार्य में जुटी टीमें
सेना, एसडीआरएफ, एनडीआरएफ और पुलिस-प्रशासन की टीमें मौके पर पहुंच चुकी हैं और युद्धस्तर पर राहत व बचाव कार्य जारी है। जिलाधिकारी प्रशांत आर्य ने बताया कि 4 लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है और लापता लोगों की तलाश जारी है। हर्षिल में राहत शिविर बनाए गए हैं।
भूस्खलन के कारण रास्ते बाधित
भूस्खलन के चलते कई रास्ते अवरुद्ध हैं, जिससे राहत दलों को मौके तक पहुंचने में दिक्कतें हो रही हैं। धराली, गंगोत्री धाम के रास्ते में एक प्रमुख पड़ाव है, जहां बड़ी संख्या में होटल और होम स्टे बने हैं।
वीडियो में कैद हुआ मंजर
इस त्रासदी का एक वीडियो सामने आया है, जिसमें खीरगंगा नदी का कीचड़ भरा पानी तेज बहाव के साथ गांव की ओर आता दिख रहा है। पहाड़ से बहते पत्थरों और पेड़ों के साथ सैलाब ने कई घरों और होटलों को पलभर में बहा दिया। वीडियो में लोगों की चीख-पुकार और एक व्यक्ति की आवाज “सब खत्म हो गया” दिल दहला देने वाली है।
मुख्यमंत्री ने दिए हरसंभव मदद के निर्देश
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बताया कि स्थिति पर लगातार निगरानी रखी जा रही है। प्रशासन और राहत टीमें मौके पर हैं और प्रभावितों को हर संभव मदद दी जा रही है।
केंद्र से मांगी गई वायुसेना की मदद
राज्य सरकार ने केंद्र और वायुसेना से दो एमआई और एक चिनूक हेलिकॉप्टर राहत कार्य के लिए मांगे हैं। मौसम खराब होने के कारण उड़ानों में बाधा आ रही है। यूकाडा ने भी दो निजी हेलिकॉप्टर तैयार रखे हैं।
प्रधानमंत्री और गृह मंत्री ने ली जानकारी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मुख्यमंत्री से फोन पर बात कर पूरी स्थिति की जानकारी ली और हरसंभव मदद का भरोसा दिलाया। आईटीबीपी की तीन और एनडीआरएफ की चार टीमें राहत कार्य के लिए रवाना की गई हैं।
व्यावसायिक इमारतें ज्यादा प्रभावित
स्थानीय लोगों का कहना है कि यदि नदी का बहाव सीधा गांव की बस्ती की ओर होता तो नुकसान और भी ज्यादा होता। लेकिन पानी बाजार की ओर मुड़ गया, जिससे व्यावसायिक इमारतों को सबसे अधिक नुकसान हुआ। दो बार मलबा आने से तबाही की तीव्रता और बढ़ गई।
जारी किए गए हेल्पलाइन नंबर
प्रभावित लोगों की मदद के लिए जिला प्रशासन ने ये नंबर जारी किए हैं:
- उत्तरकाशी आपदा नियंत्रण कक्ष: 01374-222126, 222722, 9456556431
- हरिद्वार जिला आपातकालीन परिचालन केंद्र: 01374-222722, 7310913129, 7500737269
- टोल फ्री नंबर: 1077 | ईआरएसएस: 112
- राज्य आपातकालीन केंद्र देहरादून: 0135-2710334, 2710335, 8218867005, 9058441404
- टोल फ्री नंबर: 1070 | ईआरएसएस: 112
राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री ने जताई संवेदना
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने घटना पर दुख जताया और राहत कार्यों की सफलता की कामना की। प्रधानमंत्री मोदी ने भी संवेदना व्यक्त करते हुए कहा कि राज्य सरकार की निगरानी में राहत कार्य तेज़ी से चल रहा है और केंद्र की ओर से हरसंभव सहायता दी जा रही है।