Uttarakhand: मानसून के साथ ही आपदा से बचाव की तैयारियां भी तेज होंगी, अधिकारियों और कर्मचारियों की छुट्टियां रद्द होंगी

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मानसून सीजन शुरू होते ही आपदा से बचाव की तैयारियां भी तेज हो गई हैं। मुख्य सचिव ने कहा कि आपदा से संबंधित सभी विभागों के कर्मचारियों और अधिकारियों की छुट्टियां जरूरत पड़ने पर रद्द कर दी जाएंगी। ऐसे हालात में किसी को छुट्टी नहीं मिलेगी, सिवाय अपरिहार्य कारणों के। साथ ही, सभी जिलाधिकारियों को आपदा पूर्व उपचार प्रणाली को मजबूत करने का निर्देश दिया गया है।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर, मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने सभी जिलाधिकारियों से आपदा पूर्व तैयारियों को लेकर चर्चा की। उन्होंने सभी जिलाधिकारियों को निर्देश दिए कि वे हर साल बाढ़ या भू-स्खलन की पूर्व-तैयारी करें। जिन क्षेत्रों में बाढ़ अधिक होती है, वहां भी पहले से इलाज कर लें।

उन्होंने ये भी निर्देश दिए कि नदियों की डी-सिल्टिंग और रीवर ट्रेनिंग का काम भी तत्काल किया जाए ताकि बाढ़ के प्रकोप को कम किया जा सके। सभी विभागों को समन्वय के साथ काम करना है। सरकार ने गत वर्ष आपदा संबंधी निर्माण कार्यों पर हुए खर्च का बजट लोनिवि को 30 करोड़ व पेयजल निगम को 20 करोड़ जारी कर दिए हैं। सभी डीएम को कहा गया है कि वह जिला आपदा प्रबंधन की टीमों को मुस्तैद रखें।

24 घंटे चलेगा कंट्रोल रूम

मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने कहा कि आपदा नियंत्रण कक्ष 24 घंटे और 7 दिन खुला रहेगा। इसमें मिलने वाली हर जानकारी पर तुरंत प्रतिक्रिया दी जाएगी। संबंधित सभी जिलों के आपदा प्रबंधन अधिकारी भी इसमें शामिल होंगे।

मानसून में आपदाओं की आशंका को देखते हुए सभी जिलाधिकारियों को निर्देश भेजे गए हैं। राज्य आपदा प्रबंधन विभाग को भी इसी तरह की तैयारी करने की हिदायत दी गई है। मुख्यमंत्री ने कहा कि बचाव कार्यों को कम से कम समय में शुरू करने पर जोर दिया जा रहा है। -राधा रतूड़ी, मुख्य सचिव, उत्तराखंड सरकार