दुनियाभर अलग-अलग चीजों पर टैक्स वसूला जाता है, जिससे उस देश की सरकार का खर्च चलता है और देश भी. लेकिन कई टैक्स ऐसे होते हैं जो सुनने में ही बेहद अजीब लगते हैं. पुराने समय में कुछ ऐसी चीजों पर टैक्स वसूले जाते थे जो समय के साथ तो खत्म हो गए, लेकिन उनकी विचित्रता के चलते वो आज भी चर्चाओं में रहते हैं. उन्हीं में से एक था पेशाब पर टैक्स. जी हां, आपने सही पढ़ा. दरअसल हम रोमन की बात कर रहे हैं. जहां एक खास वजह के चलते शराब पर टैक्स लगाया गया था.
प्रथम शताब्दी में रोमन सम्राट नीरो और वेस्पासियन ने रोमन में शराब पर टैक्स लगाया था. दरअसल रोमन साम्राज्य के धोबीघाट या फुलोनिकस में पेशाब एकत्र किया जाता और उसे सड़ने के लिए छोड़ दिया जाता था.फिर इकट्ठा किया गया पेशाब पड़े-पड़े अमोनिया बन जाता था और वो अमोनिया एक तरह का डिटर्ज़ेंट था जिसका इस्तेमाल कपड़े धोने के लिए किया जाता था.इसके अलावा पेशाब जानवरों की खाल को नरम बनाने और उसे पकाने के काम में भी इस्तेमाल की जाती थी, क्योंकि अमोनिया का ज्यादा पीएच कार्बनिक पदार्थों को गला देता है. साथ ही पेशाब से जानवरों की खाल को गलाने से उनके बाल और मांस के टुकड़ों को अलग करने में आसानी होती है।
धोबियों का काम अच्छे व्यवसाय में बदल रहा था. हालांकि ये बहुत ज्यादा दिनों तक नहीं चला. दरअसल जब वेस्पा सियानो सत्ता में आये तो उन्होंने पेशाब पर टैक्स लगाना शुरू कर दिया. ये टैक्स उन लोगों के लिए था जो रोम के सीवेज सिस्टम में जमा किए गए पेशाब का इस्तेमाल करना चाहते थे.एक बार वेस्पासियान के बेटे टिटो ने अपने पिता से कहा कि उन्हें पेशाब पर जुर्माना लगाना सबसे घिनौना काम लगता है. इसके जवाब में सम्राट ने एक सोने का सिक्का लेकर टिटो की नाक पर लगाया और पूछा कि क्या इसमें से बदबू आ रही है? उनके पिता ने उनसे कहा है कि ये पैसे पेशाब से आते हैं लेकिन सिक्कों में बदबू नहीं आती. इसी से एक्जियम ऑफ वेस्पा सियान नाम से मशहूर कहावत निकली, जिसका मतलब है कि पैसे से कभी दुर्गंध नहीं आती.