जल संकट: बूंद-बूंद को तरसा हल्द्वानी, गौला नदी सूखने से पेयजल संकट गहराया; जलस्तर 60 क्यूसेक पहुंचा

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प्रचुर गर्मी के चलते गौला का जलस्तर 60 क्यूसेक तक गिर गया है। इससे पेयजल आपूर्ति और सिंचाई दोनों प्रभावित होने लगी हैं। 2018 में गौला का जलस्तर 65 क्यूसेक था, लेकिन आज इससे भी पांच क्यूसेक कम है, सिंचाई विभाग के आंकड़ों के अनुसार।

गौला का जलस्तर हर दिन घट रहा है। इससे पेयजल संकट गहराने लगा है। हर दिन जल संस्थान को शहर को पानी पिलाने के लिए 35 एमएलडी पानी की आवश्यकता होती है। इसके अलावा विभाग 65 नलकूपों से शहरी क्षेत्र में पानी पिलाने की व्यवस्था कर रहा है लेकिन गर्मी बढ़ने और भूजल स्तर कम होने से नलकूपाें से पानी का डिस्चार्ज कम हो गया है, जिससे कई इलाकों में पानी की समस्या बनी हुई है।

बीते पांच साल में 21 मई को गौला का जलस्तर2020 – 252

2021 – 324

2022 – 125

2023 – 125

2024 – 60

लोगों से बातचीत-

गौला नदी के स्रोत जलवायु परिवर्तन और जंगलों के अंधाधुंध दोहन से सूखने लगे हैं। जलस्तर आने वाले समय में और भी कम हो जाएगा। शहर पेयजल संकट से गुजर सकता है।-केसी तिवारी, स्थानीय बुजुर्ग।

जंगलों की आग से पर्यावरण को हो रहे नुकसान से पानी की कमी होने लगी है। जलस्रोत सूख गए हैं। यदि जंगलों का दोहन होता रहा तो भविष्य में स्थिति और भी भयावह हो सकती है।– डॉ. सलिल तिवारी, स्थानीय बुजुर्ग।

कॉल टैक्स, आदर्शनगर और बच्चीनगर नलकूप से डिस्चार्ज घटा

गर्मी में भूजल स्तर के घटने और लगातार दोहन से अब नलकूपों के डिस्चार्ज में भी कमी आने लगी है। मंगलवार को बच्चीनगर और कॉलटैक्स के नलकूप से डिस्चार्ज कम रहा जिससे लोगों को समस्या का सामना करना पड़ा।

गौला का जलस्तर घटकर महज 60 क्यूसेक ही रह गया है। बारिश न होने पर यह स्तर और भी घटने की आशंका है। सिंचाई और पेयजल को लेकर समस्या हो सकती है। -बीसी, नैनवाल, ईई सिंचाई विभाग।