प्रदेश में दुपहिया वाहनों पर बैठी पीछे की सवारी करने वालों के लिए हेलमेट पहनने के नियम कठोर होंगे, साथ ही चौपहिया वाहनों में भी सीट बेल्ट की आवश्यकता होगी। ये निर्देश सोमवार को बैठक में मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने दिए। उन्हें सड़क दुर्घटनाओं के बाद हुए डेथ ऑडिट के परिणामस्वरूप किए गए सुधारों की रिपोर्ट चाहिए थी।
सीएस राधा रतूड़ी सोमवार को सचिवालय में राज्य सड़क सुरक्षा कोष प्रबन्ध समिति की बैठक ली। इसमें उन्होंने पूरी तरह से फेसलेस चालान सिस्टम को लागू करने, राज्य की सीमाओं व सभी मुख्य मार्गों पर एएनपीआर कैमरों के साथ ही शहरों में ड्रोन कैमरों से ट्रैफिक व्यवस्था की मॉनिटरिंग एवं चालान के निर्देश दिए। उन्होंने शिक्षा विभाग को स्कूलों में सप्ताह में एक दिन बच्चों को सड़क सुरक्षा के संबंध में जागरूक करने को भी कहा। उन्होंने ट्रैफिक सिग्नल को एएनपीआर तथा आरएलवीडी सिस्टम से अपग्रेड करने के भी निर्देश दिए।
बैठक में अधिकारियों ने बताया कि पिछले वर्ष 67 गुड समेरिटन, यानी सड़क हादसे में घायलों को प्राथमिक चिकित्सा, एंबुलेंस न मिलने पर अपने वाहन से अस्पताल पहुंचाने और रक्त उपलब्ध करवाने वालों को 10 लाख की राशि दी गई है। 2024 से 26 तक इसके लिए 10 लाख का बजट प्रस्तावित है। पुलिस महानिदेशक अभिनव कुमार, प्रमुख सचिव रमेश कुमार सुधांशु, सचिव अरविन्द सिंह ह्यांकी और वी षणमुगम भी बैठक में उपस्थित थे।
प्रदेशभर में ड्रोन, हाईटेक मोटर बाइक को मंजूरी
मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने सड़क सुरक्षा की बैठक में राज्य की ट्रैफिक व्यवस्था को बेहतर बनाने के लिए सभी 13 जिलों में ड्रोन सेवाओं की व्यवस्था, एएनपीआर और आरएलवीडी सिस्टम से लैस ट्रैफिक सिग्नल, हाईटेक मोटर बाइक, एल्कोमीटर, ब्रीथ एनालाइजर, पोर्टेबल साउंड सिस्टम और कैमरों के साथ रडार स्पीड साइन बोर्ड लगाने उन्हें जीरो एक्सीडेंट राज्य के विजन के साथ काम करने की सख्त हिदायत देते हुए, लोक निर्माण विभाग को वित्तीय वर्ष 2024–25 के लिए सुरक्षात्मक कार्यों के तहत क्रैश बैरियर, रोड डेलीनेटर और कैट आई, ब्लैक एंड व्हाइट को लगाने की सख्त हिदायत स्पॉट पर सुधारात्मक कार्य करने, पैराफीट एवं कॉशनरी साइन बोर्ड, रोड फर्नीचर, रोड मार्किंग आदि कार्यों की वित्तीय एवं सैद्धान्तिक स्वीकृति भी दी।