Uttarakhand प्रदेश: नए साल में धामी सरकार ने एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया: बाहरी व्यक्ति कृषि भूमि नहीं खरीद सकेंगे

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भू-कानून पर एक महत्वपूर्ण बैठक मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बुलाई। बैठक में कहा गया कि, वर्ष 2004 में उत्तर प्रदेश जमींदारी एवं भूमि व्यवस्था अधिनियम 1950 की धारा-154 में किए गए संशोधन के अनुसार, कृषि या औद्यानिकी उद्देश्यों से भूमि खरीदने के लिए डीएम से अनुमति लेनी चाहिए. 12 सितंबर 2003।
वर्तमान में उत्तराखंड राज्य के लिए नया भू-कानून बनाने के लिए प्रारूप समिति गठित की गई है, इसलिए प्रदेश और जनता के हित में यह निर्णय लिया गया कि कृषि और उद्यान उद्देश्य से भूमि खरीदने के लिए जिलाधिकारी राज्य से बाहर के व्यक्तियों को भू-कानून समिति की आख्या प्रस्तुत करने तक या अग्रिम आदेशों तकजिलाधिकारी राज्य से बाहर के व्यक्तियों को कृषि एवं उद्यान के उद्देश्य से भूमि क्रय करने की अनुमति के प्रस्ताव में निर्णय नहीं लेंगे।

कृषि जमीन खरीदने वालों की संख्या बढ़ी

पिछले कुछ वर्षों में राज्य में कृषि भूमि खरीदने वालों की संख्या में तेजी से वृद्धि हुई है। ये मुद्दा लगातार उठता रहता है कि बाहरी राज्यों के लोग कृषि भूमि खरीद रहे हैं। भू-कानून बनाने के लिए पूर्व में सुभाष कुमार की समिति बनाई गई थी। इस समिति ने अपनी रिपोर्ट सरकार को दी थी। इस रिपोर्ट के आधार पर अब प्रारूप बनाया जा रहा है। नए वर्ष में सरकार भू-कानून पर महत्वपूर्ण निर्णय ले सकती है।

जमीन खरीद से पहले मई में पृष्ठभूमि की जांच का निर्णय लिया गया था

पिछले वर्ष मई में धामी सरकार ने कैबिनेट में फैसला किया कि राज्य में भूमि खरीदने वाले व्यक्ति की पहली पृष्ठभूमि और उद्देश्य की जांच की जाएगी। इसके बाद अनुमति मिलेगी। तब मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि राज्य में जमीन बेरोक-टोक खरीदी गई थी, लेकिन अब पूरी पृष्ठभूमि जांच के बाद अनुमति दी जाएगी। इसके लिए अध्यादेश भी बनाया जा रहा है।