Uttarakhand: प्रोजेक्ट की नियमित मॉनिटरिंग के निर्देशों के साथ चार जिलों में चलती-फिरती साइंस लैब की शुरुआत

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चंपावत, अल्मोड़ा, देहरादून और पौड़ी में चलती-फिरती साइंस लैब की शुरुआत होगी. छह महीने बाद सभी जिलों में इसे चलाने की योजना है। उत्तराखंड सरकार और यूकॉस्ट परिषद की इस बड़ी परियोजना का उद्देश्य उत्तराखंड के दूरदराज के ग्रामीण और पर्वतीय क्षेत्रों में कक्षा छह से दसवीं तक पढ़ने वाले विद्यार्थियों को विज्ञान, टेक्नोलॉजी, इंजीनियरिंग और गणित के विषयों में उनके क्रियात्मक ज्ञान को बढ़ाना है।

मोबाइल साइंस लैब के लिए शासन ने पांच करोड़ रुपये दिए हैं। पहले चरण में कार्यक्रम को चार जिलों में छह महीने तक सफलतापूर्वक चलाया जाएगा। इसके बाद यह परियोजना सभी नगरों में चलाई जाएगी। लैब्स ऑन व्हील्स नामक इस परियोजना की नियमित निगरानी करने के निर्देश मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने दिए हैं। मंगलवार को उन्होंने एक बैठक में मोबाइल साइंस लैब प्रोजेक्ट पर चर्चा की।

इस दौरान प्रोजेक्ट को पहले चरण में चंपावत, अल्मोड़ा, देहरादून और पौड़ी में चलाने के निर्देश दिए गए। प्रोजेक्ट के दौरान बालिकाओं को विशेष रूप से विज्ञान की शिक्षा देने के लिए भी निर्देश दिए गए। अगस्तया फाउंडेशन के संस्थापक, महानिदेशक बंशीधर तिवारी, यूकॉस्ट के महानिदेशक प्रो. दुर्गेश पंत और अपर सचिव रंजना राजगुरु बैठक में उपस्थित रहे।

साइंस फिल्मों के प्रदर्शन, लाइव स्काई ऑब्जर्वेशन के निर्देश

मुख्य सचिव रतूड़ी ने राज्य के दुर्गम और ग्रामीण पर्वतीय क्षेत्रों में विद्यार्थियों को साइंस फिल्मों के प्रदर्शन, विज्ञान मेलों और वर्कशॉप, टेलीस्कॉप से लाइव स्काई ऑब्जर्वेशन और शिक्षकों के लिए प्रशिक्षण और कार्यशालाओं का आयोजन करने के निर्देश दिए।

उसने कहा कि राज्य के ग्रामीण और सुदूर पर्वतीय क्षेत्रों में विज्ञान प्रयोगशालाओं और विज्ञान संचार कार्यक्रमों को बढ़ावा देने के लिए मोबाइल साइंस लैब बनाए जाएंगे। यह भी बताया कि विद्यार्थियों को व्यावहारिक शिक्षा का अभ्यास करने के लिए मॉडल्स, जीव विज्ञान, रसायन विज्ञान, भौतिक और गणित पाठ्यक्रमों का उपयोग करना चाहिए।