भाजपा ने लगातार तीसरी बार चुनाव में पांचों लोकसभा सीटों पर जीत हासिल की है, जिससे डबल इंजन सरकार की जिम्मेदारियां भी बढ़ी हैं। स्थानीय मुद्दों से अधिक राष्ट्रव्यापी मुद्दों पर राज्य के मतदाताओं ने वोट दिया है। अब वे राज्य और केंद्र सरकार से भी अधिक उम्मीद कर रहे हैं।
उत्तराखंड में लगातार ग्रीन बोनस की मांग उठती आई है। सरकार के वैज्ञानिक अध्ययन के मुताबिक, राज्य के वनों से देश को सालाना एक लाख करोड़ रुपये के पर्यावरणीय सेवाएं मिल रही हैं। इसमें नदियों, पहाड़ों, झरनों और अन्य प्राकृतिक संसाधनों का योगदान जोड़ दें तो तीन लाख करोड़ से ऊपर पहुंच जाता है। पूरे देश को ऑक्सीजन देने वाले उत्तराखंड के लिए अब डबल इंजन सरकार की जिम्मेदारी ग्रीन बोनस को लेकर बढ़ गई हैं।
ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल लाइन का काम अभी भी चल रहा है, लेकिन राज्यवासी अभी भी बागेश्वर रेल लाइन को चाहते हैं। केंद्र-राज्य सरकार से भी इस सपने को साकार करने की उम्मीद है। चारधाम ऑलवेदर रोड भी पूरा नहीं हुआ है। यह भी जल्द पूरा करना मुश्किल है। इन सभी चुनौतियों और दायित्वों के बीच, राज्य के मतदाताओं ने खुलकर भाजपा को अपना वोट दिया है।