Uttarakhand: चुनाव आचार संहिता खत्म होने के बाद बड़े आंदोलन की तैयारी कर रहे शिक्षक इसलिए नाराज हैं

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राजकीय शिक्षक संघ चुनाव आचार संहिता खत्म होने के बाद व्यापक आंदोलन की तैयारी कर रहे हैं। संगठन ने कहा कि लंबित मांगों पर अमल नहीं हुआ तो प्रदेश भर में ब्लॉक स्तर पर आंदोलन चलाया जाएगा। राजकीय शिक्षक संघ की प्रांतीय कार्यकारिणी ने गढ़वाल और कुमाऊं मंडल के अध्यक्ष और महामंत्री को लिखे पत्र में कहा कि वर्तमान में आदर्श आचार संहिता लागू होने के कारण बहुत से शासनादेश नहीं मिल पाए हैं।

यही कारण है कि आहरण वितरण का अधिकार, चयन, प्रोन्नत वेतन में वृद्धि, कनिष्ठ और वरिष्ठ शिक्षकों की वेतन विसंगति, अटल चयनित शिक्षकों की पदस्थापना सहित कई मांगों को पूरा नहीं किया गया है। लंबित मांगों को लेकर, दोनों मंडल कार्यकारिणी आचार संहिता के बाद अपने जिलों को स्पष्ट निर्देश देंगे और ब्लॉकों से प्रस्ताव प्राप्त कर मंडल को देंगे।

धरना कार्यक्रम पहले ब्लॉक, फिर जिला और फिर प्रांत स्तर पर होगा। संगठन के प्रांतीय महामंत्री रमेश चंद्र पैन्यूली ने कहा कि सरकार ने प्रधानाचार्य पदों पर सीधी भर्ती की उम्मीद नहीं की। अगर विभागीय सीधी भर्ती बहुत जरूरी थी तो नियम बनाकर सभी शिक्षकों को इसमें शामिल किया जाना चाहिए था। उनका कहना था कि शिक्षकों की मांग से ही आश्वासन मिलता है।

धरना कार्यक्रम ब्लॉक, जिला और प्रांत स्तर पर शुरू होगा। रमेश चंद्र पैन्यूली, संगठन के प्रांतीय महामंत्री, ने कहा कि सरकार ने प्रधानाचार्य पदों पर सीधी भर्ती की उम्मीद नहीं की। अगर विभागीय सीधी भर्ती बहुत आवश्यक थी, तो नियम बनाकर सभी शिक्षकों को इसमें शामिल किया जाना चाहिए था। उनका कहना था कि आश्वासन सिर्फ शिक्षकों की मांग से मिलता है।

राजकीय शिक्षक संघ के प्रांतीय महामंत्री रमेश पैन्यूली ने कहा कि संगठन ने लंबित मांगों को लेकर सरकार और शासन के साथ समन्वय बनाया है, लेकिन कुछ शिक्षक संगठन के खिलाफ सोशल मीडिया पर बयानबाजी कर रहे हैं।