गुरुकुल कांगड़ी समविश्वविद्यालय के जन्तु एवं पर्यावरण विज्ञान विभाग एवं इण्डियन एकडमिक ऑफ इन्वायरमेंटल साइंसेज के संयुक्त तत्वावधान में दो दिवसीय वर्तमान में पर्यावरणीय अवधारणा ऑन कि चक्रीय आर्थिक की रणनीतियों और हरित कल के लिए जलीय पर्यावरण की जैविक विविधता के अंतर्गत मत्स्यकी संवर्धन है विषय पर अन्तर्राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन किया गया। संगोष्ठी की अध्यक्षता करते हुए समविश्वविद्यालय के कुलाधिपति डा0 सत्यपाल सिंह ने कहा कि वर्तमान समय में प्राकृतिक सम्पदा का संरक्षण किया जाना महत्वपूर्ण विषय है जिस दिशा में समविश्वविद्यालय द्वारा समय-समय पर निरंतर मंथन व प्रयास किये जाते रहे हैं। दो दिवसीय संगोष्ठी में प्रतिभाग कर रहे विभिन्न विषय विशेषज्ञ व अनुसंधान वैज्ञानिक जो मंथन करेंगे उससे निकलने वाला अमृत ज्ञान समाज व मानव जाति के लिए कल्याणकारी सिद्ध होगा।
संगोष्ठी को संबोधित करते हुए उत्तराखण्ड साइंस एण्ड टैक्नोलॉजी के महानिदेशक डा0 दुर्गेश पन्त ने मुख्य अतिथि बतौर कहा कि हमारे यहां उत्तराखण्ड में प्राकृतिक सम्पदा का अपार भण्डार है जिसका संरक्षण कर आने वाली पीढ़ी के लिए हम स्वच्छ वातावरण संरक्षित कर उनके जीवन रक्षण के दिशा में कार्य करने की दिशा में अग्रसर हो रहे हैं। उत्तराखण्ड साइंस एण्ड टैक्नोलॉजी प्रदेश में कार्यरत युवा शोध वैज्ञानिकों को अनुसंधान के क्षेत्र में बेहतर संसाधन उपलब्ध कराने की दिशा में निरन्तर अग्रसर है।
समविश्वविद्यालय की कुलपति प्रो0 हेमलता के0 ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि संगोष्ठी में इस प्रकार के आयोजन समाज को जागरूक करने की दिशा में महत्वपूर्ण भूमिका का निर्वाह करने में सहायक होते हैं। आयोजन समिति इस आयोजन के लिए साधुवाद की पात्र है। हम सभी को पर्यावरण के प्रति सजग व जागरूक रहने की आवश्यकता है। सरकारी स्तर पर प्रयास तभी सार्थक हो सकते हैं जब उनमें आमजन की भागीदारिता हो। समविश्वविद्यालय के वैज्ञानिक व अनुसंधानकर्ता इस दिशा में निरंतर अग्रसर है।
समविश्वविद्यालय के कुलसचिव प्रो0 सुनील कुमार ने संगोष्ठी में प्रतिभाग कर रहे वैज्ञानिकों व अनुसंधानकर्ता छात्रों से पर्यावरण के क्षेत्र में कार्य करते हुए युवाओं को जागरूक करने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि गुरुकुल कांगड़ी अपनी स्थापना काल से ही पर्यावरण के प्रति सजग व जागरूक रहा है। भारतीय पर्यावरण विज्ञान संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रो0 बी0डी0 जोशी ने कार्यक्रम की रूपरेखा पर विस्तार से जानकारी देते हुए कहा कि उनका संस्थान पर्यावरण संरक्षण की दिशा में अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर कार्य कर रहा है। उन्होंने कहा कि युवा वैज्ञानिकों को प्रोत्साहित करने की दिशा में गुरुकुल कांगड़ी समविश्वविद्यालय व उनकी संस्था निरन्तर अग्रसर है।
इस अवसर पर विभाग की विभागाध्यक्ष प्रो0 नमिता जोशी ने सभी आगन्तुकों का आभार व्यक्त किया। संगोष्ठी में जाने माने पर्यावरणविद प्रो0 वी0के0 शर्मा, प्रो0 बी0के0 दास, प्रो0 पी0के0 पाण्डेय सहित विभिन्न वैज्ञानिकों ने अपने अनुभव साझा किए। संगोष्ठी में विभिन्न शिक्षाविदों व युवा अनुसंधानकर्ताओं को स्मृति चिन्ह देकर उनके द्वारा किए जा रहे कार्यों के लिए सम्मानित किया गया। संगोष्ठी में स्मारिका का भी विमोचन किया गया।
इस अवसर पर विभाग के पूर्व विभागाध्यक्ष स्व0 प्रो0 पी0सी0 जोशी को भावपूर्ण श्रद्धांजलि अर्पित की गयी। संगोष्ठी में कुलाधिपति की पत्नी अलका सिंह, प्रो0 दिनेश भट्ट, प्रो0 एल0पी0 पुरोहित, प्रो0 कर्मजीत भाटिया, प्रो0 आर0डी0 कौशिक, प्रो0 मुकेश कुमार, प्रो0 सुनील कुमार बत्रा, डा0 सुनील जोशी, प्रो0 मयंक अग्रवाल, डा0 अजेन्द्र, डा0 हरेन्द्र, डा0 नितिन काम्बोज, डा0 गगन माटा, डा0 विनोद कुमार, डा0 भारत वेदालंकार, डा0 अजय मलिक, डा0 बिन्दु मलिक, डा0 आभा शुक्ला, डा0 निधि हाण्डा, डा0 भगवानदास जोशी, प्रो0 सीमा शर्मा, नारायण नेगी, कुलभूषण शर्मा, डा0 पंकज कौशिक, ललित सिंह नेगी, धर्मेन्द्र बालियान, ओमवीर, डा0 ऊधम सिंह, डा0 सुयश भारद्वाज, डा0 लोकेश जोशी, डा0 राकेश भूटियानी, डा0 शिव कुमार चौहान, हेमन्त सिंह नेगी, डा0 नितिन भारद्वाज, डा0 आभा शुक्ला, रमेश चन्द्र जोशी, डा0 अभिषेक स्वामी, डा0 नवीन जोशी, डा0 रोशन लाल, कुलदीप सहित अन्य शिक्षक, शिक्षकेत्तर कर्मचारी व शोध छात्र छात्रा उपस्थित रही।
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