ऋषिकेश: कहते हैं बच्चा मां के जिगर का टुकड़ा होता है और उस जिगर के टुकड़े पर यदि कोई आंच आ जाए तो मां मौत से भी लड़ जाती हैं। आज एक ऐसा ही नजारा ऋषिकेश के निकट मुनिकीरेती के नाव घाट पर देखने को मिला। जहां गंगा में बह गए अपने पांच साल के बच्चे की जान बचाने के लिए मां अपनी जान खतरे में डालकर मौत से लड़ गई। गंगा के तेज बहाव के बीच लहरों से लड़ते-लड़ते मां मौत से शायद हार जाती, लेकिन जल पुलिस के जवानों ने फरिश्ता बन मां और बच्चे की सांसों को रोक रही मौत को हरा दिया। जिंदगी की जंग जीतने के बाद अपने बेटे के साथ घाट पर लौटी मां के जज्बे को लोगों ने जमकर सराहा। फरिश्ता बने जल पुलिस के जवानों को भी शाबाशी देकर हौसला अफजाई की। इंस्पेक्टर रितेश शाह ने बताया कि मेरठ से आए एक परिवार के कुछ सदस्य नाव घाट पर गंगा में नहाने के लिए उतर गए। अचानक पांच साल का वंश गंगा में बह गया। वंश की जान खतरे में दिखाई दी तो उसकी मां गुड्डी देवी ने भी अपनी जान की परवाह किए बगैर गंगा में छलांग लगा दी। किसी तरह गुड्डी देवी वंश तक तो पहुंच गई लेकिन खुद भी गंगा के तेज बहाव में बहने लगी। इस बीच नाव घाट पर ड्यूटी कर रहे जल पुलिस के जवान सुभाष ध्यानी, विदेश चौहान, रवि राणा और राजेंद्र सिंह ने अपना फर्ज निभाते हुए मां बेटे को सुरक्षित गंगा से बाहर निकाल लिया। जान बचाए जाने पर मां बेटे के साथ आए परिजनों ने पुलिस का आभार व्यक्त किया।
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