Rishikesh AIIMS, : एसआईटी एक महिला चिकित्सक से छेड़खानी मामले की जांच करेगी, आज आरोपी के बयान होंगे

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AIMS में ऑपरेशन के दौरान एक महिला चिकित्सक से छेड़खानी की शिकायत की जांच के लिए एसआईटी बनाया गया है। CFO के निर्देशन में एसआईटी में शामिल होंगे: एक महिला कांस्टेबल, एम्स पुलिस चौकी इंचार्ज, एम्स के विधि अधिकारी और एक रेजिडेंट डॉक्टर एसोसिएशन का प्रतिनिधि। यह निर्णय पुलिस और एम्स प्रशासन की उपस्थिति में रेजीडेंट डाक्टरों से हुआ है।

बता दें कि शिकायत मिलने के बाद से रेजीडेंट डॉक्टर काम से बाहर रहे हैं। आंदोलन को बृहस्पतिवार देर शाम स्थगित कर दिया गया, क्योंकि एम्स प्रशासन ने उनकी मांगों पर सकारात्मक आश्वासन दिया था। इससे पहले, आंदोलित रेजीडेंट डॉक्टरों ने एम्स परिसर में रैली निकालकर विरोध प्रदर्शन किया और एम्स प्रशासन पर काम करने में देरी का आरोप लगाया।

ओटी दस्तावेजों में छेड़छाड़ का आरोप

आंदोलित रेजीडेंट डॉक्टरों का कहना है कि एम्स प्रशासन और पुलिस ने मामले को गंभीरता से नहीं लिया है और सहायक नर्सिंग अधिकारी ने ओटी के दस्तावेजों को छेड़छाड़ करके आरोपी को बचाने की कोशिश की है। उनका भी निलंबन होगा। साथ ही, रेजीडेंट डॉक्टरों ने कार्यस्थल पर कर्मचारियों की सुरक्षा के लिए SOP बनाने की मांग की।

बात करने पहुंचा प्रशासन

एम्स निदेशक प्रो. मीनू सिंह, एमएस प्रो. संजीव कुमार, एसएसपी अजय सिंह, एसपी देहात लोकजीत सिंह आंदोलित रेजीडेंट डॉक्टरों से बात करने पहुंचे। एसएसपी ने डॉक्टरों को बताया के आरोपी के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। जांच के लिए एसआईटी गठित कर दी गई है। एम्स निदेशक ने बताया कि सहायक नर्सिंग अधिकारी को ड्यूटी से हटा दिया गया है और कारण बताओ नोटिस भी जारी किया गया है। आरोपी की बर्खास्तगी के लिए उच्चाधिकारियों को लिखा जाएगा।

15 दिनों में एसओपी की मांग

रेजीडेंट डॉक्टरों ने अधिकारियों से भी कार्यस्थल पर कर्मचारियों की सुरक्षा की मांग की। रेजीडेंट डॉक्टरों ने कहा कि भविष्य में ऐसा नहीं होगा सुनिश्चित करना चाहिए। SOP तैयार की जानी चाहिए। रेजिडेंट डॉक्टरों ने प्रशासन को पंद्रह दिन का समय दिया है। AIMS प्रशासन ने कहा कि SOP जल्द ही बनाया जाएगा।

हड़ताल से व्यवस्थाएं हुईं प्रभावित

रेजिडेंट डॉक्टरों की हड़ताल से एम्स की व्यवस्थाएं बिगड़ गईं। विभिन्न विभागों में समस्याएं हुईं, अकस्मिक विभाग भी शामिल था। रेजिडेंट डॉक्टरों की हड़ताल से आकस्मिक विभाग और ट्रामा सेंटर प्रभावित होते हैं। AIMS में लगभग 150 से अधिक रेजीडेंट डॉक्टर हैं जो ओपीडी, ऑपरेशन, वार्ड, आकस्मिक व ट्रामा सेंटर में महत्वपूर्ण सेवाएं देते हैं।

ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए एसओपी बनाई जा रही है। इस पूरे प्रकरण की जांच के लिए पुलिस ने एसआईटी बनाई है। घटना को लेकर इंडियन नर्सिंग काउंसिल को भी लिखा जाएगा। आंदोलित रेजीडेंट डॉक्टरों को समझाया गया है। – प्रो. मीनू सिंह, निदेशक, एम्स।