डॉ. प्रवीण भाई तोगड़िया, देश के प्रमुख हिंदू नेता और विहिप के पूर्व अंतरराष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष, अब संघ परिवार और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से दूर होंगे। रामलला इसका माध्यम बनेंगे। तोगड़िया रामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के बुलावे पर 22 जनवरी को प्राण प्रतिष्ठा समारोह में भाग लेंगे, जो पिछले छह वर्षों से बंद है।
वह पहले रामलला धन्यवाद यात्रा पर जाएगा। इसके अलावा, वे राम मंदिर में जन्मभूमि आंदोलन से जुड़े कारसेवकों का तिलक लगाकर उनका सम्मान करेंगे। वर्तमान में अंतरराष्ट्रीय हिंदू परिषद के अध्यक्ष डॉ. तोगड़िया ने अमर उजाला से एक खास बातचीत में पहली बार यह जानकारी दी।
उनका कहना था कि 15 जनवरी को गोरखपुर से रामलला धन्यवाद यात्रा निकालेंगे, जिसमें रामलला की प्राण प्रतिष्ठा की जाएगी। 21 जनवरी की शाम यात्रा गोरखपुर से शुरू होकर कुशीनगर, वाराणसी, जौनपुर और प्रयागराज सहित कई शहरों से होते हुए अयोध्या पहुंचेगी।
यात्रा जिन शहरों से गुजरेगी, वहां धन्यवाद समारोह होंगे। हम भी वहां रहने वाले राम मंदिर आंदोलन के कारसेवकों और कार्यकर्ताओं से मिलेंगे। 24 जनवरी को इन्हें अयोध्या आकर रामलला के धन्यवाद दर्शन करने का निमंत्रण मिलेगा।
विहिप के पूर्व अध्यक्ष ने बताया कि 22 जनवरी को सुरक्षा कारणों से सीमित संख्या में रामभक्तों और कारसेवकों को आमंत्रित किया गया है। जबकि देशभर के लाखों कारसेवकों और रामभक्तों ने जन्मभूमि मुक्ति आंदोलन के संघर्ष और राम मंदिर निर्माण यात्रा में योगदान दिया है। विभिन्न व्यवस्थागत बाधाओं के कारण ट्रस्ट इन सभी को जीवनोत्सव समारोह में नहीं बुला सकता था।
इसलिए वह 24 जनवरी को श्रीराम के लिए लाठी-गोली खाने वाले कारसेवकों को अयोध्या बुला रहे हैं। राम मंदिर के द्वार पर तिलक लगाकर इन सभी के साहस का सम्मान करेंगे। फिर आप रामलला को फिर से देखेंगे। हम प्रभु श्रीराम को धन्यवाद देना चाहिए क्योंकि उन्होंने इस जीवन में मंदिर बनाने के संघर्ष के माध्यम से धर्म का कार्य करने का अवसर दिया।