रामलला के दर्जी भगवत प्रसाद पहाड़ी की मशीनों की खटर-पटर वशिष्ठ कुंड के पास चल रही है, लेकिन रामलला की पोशाक बनाने का काम फिलहाल बंद है। वह श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट से रामलला की मूर्ति की नाप नहीं मिलने के कारण मुख्य विग्रह के कपड़े नहीं बना पा रहा है।
भगवान कहते हैं कि अगर उन्हें ट्रस्ट से मंजूरी नहीं मिलेगी, तो वह अपना काम कैसे करेंगे? नाप मिलने पर सारे कपड़े दो दिन में तैयार हो जाएंगे। भगवत ने कहा कि फिलहाल उन्होंने रामलला के तीन कपड़े तैयार करके रख लिए हैं। एक सफेद, दूसरी पीली और तीसरी लाल है। भगवान ने प्रदेश ही नहीं पूरे देश से भक्तों को फोन करके कपड़े बनाने का आदेश दिया है। जयपुर, मध्य प्रदेश, मकराना, गुजरात और हरिद्वार से अधिक ऑर्डर मिलते हैं। 25 हजार से अधिक सेट अब तक तैयार कर चुके हैं।

10 हजार रुपये का तैयार वार्डरोब
भगवत ने कहा कि भगवान रामलला के लिए कपड़े सात दिन के हिसाब से तैयार किए जाते हैं। इसे बनाने में लगभग १० हजार रुपये खर्च होते हैं। इसमें छह दुपट्टा, छह रजाई, एक बड़ा बिछौना, छह छोटे बिछौने और तीन पर्दे शामिल हैं।
दिन के हिसाब से कपड़े
भगवत का कहना है कि रामलला के कपड़े दिन के अनुसार बनाए जाते हैं। सोमवार को सफेद, मंगलवार को लाल, बुधवार को हरा, गुरुवार को पीला, शुक्रवार को क्रीम, शनिवार को नीला और रविवार को गुलाबी।