पिथौरागढ़. उत्तराखंड के सीमांत जिले पिथौरागढ़ में बेस अस्पताल को शुरू हुए 15 महीने से ज्यादा का समय हो गया है, लेकिन अभी भी इसके हालात सुधर नहीं पाए हैं. एक तरफ जहां जिला अस्पताल में हर रोज रोगियों की भीड़ उमड़ रही है तो करोड़ों की लागत से बने बेस अस्पताल में सुनसान है. ओपीडी की बात करें तो जिला अस्पताल में हर रोज 800 से अधिक रोगी पहुंच रहे हैं तो बेस अस्पताल में औसतन 10 से 15 रोगी ही बमुश्किल पहुंच रहे हैं.
डेढ़ साल में भी नहीं सुधरी स्थिति
जिले की जनता पिछले दो दशकों से बेस अस्पताल का इंतजार कर रही थी. तमाम प्रयासों के बाद 17 फरवरी 2023 से इसका संचालन शुरू किया गया और भरोसा दिलाया गया कि बेस अस्पताल में सभी सुविधाएं मरीजों को मिलेंगी, जिससे यहां के मरीजों को अन्य शहरों में रेफर न होना पड़े, लेकिन अब हालात उलट हैं. बेस अस्पताल पहुंचे गंभीर मरीजों को जिला अस्पताल रेफर किया जाता है, जबकि जिला अस्पताल से रोगी बेस अस्पताल में रेफर होने चाहिए थे.
रोगियों को नहीं मिलती सुविधाएं
पिथौरागढ़ में बेस अस्पताल के संचालन के लिए सरकार ने पदों की स्वीकृति दे दी है, इसके बाद भी अभी बेस में स्वीकृत पदों के सापेक्ष तैनाती नहीं हो पाई है. बेस में दो विशेषज्ञ चिकित्सक एनएसथिसिया और फिजिशियन और 14 जूनियर रेजीडेंट चिकित्सक कार्यरत हैं. बेस अस्पताल में अभी तक अल्ट्रासाउंड मशीन भी नहीं लग पाई है. अभी यहां पर सिर्फ डायलिसिस और सीटी स्कैन की ही सुविधा मिल रही है.
रोगियों को करना पड़ रहा है इंतजार
जिला अस्पताल में भीड़ इतनी है कि रोगियों और तीमारदारों को बैठने के लिए जगह भी नहीं मिल पा रही है, लोगों ने जिला अस्पताल पर रोगियों का भार कम करने के लिए बेस में चिकित्सकों की नियुक्ति करने की मांग की है.
जल्द होगी अन्य डॉक्टरों की तैनाती
पिथौरागढ़ मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य अजय आर्या ने जानकारी देते हुए बताया कि बेस अस्पताल में प्रतिदिन 10 से 15 ओपीडी हो रही हैं. वर्तमान में यहां 14 जूनियर रेजीडेंट चिकित्सक और दो विशेषज्ञ चिकित्सक कार्यरत हैं उन्होंने बताया कि अन्य चिकित्सकों की नियुक्ति के लिए अल्मोड़ा में साक्षात्कार होने हैं जिसके बाद पिथौरागढ़ बेस अस्पताल को डॉक्टर और अन्य जरूरी स्टाफ मिल पाएगा.