1990 में लिखा गया एक गीत अब बरसों बाद चर्चा में आया है। हाल ही में चुनाव के दौरान सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हुए गीत के बाद, प्रसिद्ध शायर मंजर भोपाली को धमकी भरे फोन आ रहे हैं और उन्हें लगातार धमकी दी जा रही है।
मैं अपनी बैंक रिकॉर्ड देता हूँ, देश की बर्बादी का हिसाब देता हूँ..। 1990 में शायर मंजर भोपाली ने शब्दों से भरा एक गीत लिखा था। 1991 में वॉशिंगटन में उन्होंने इसे पहली बार पढ़ा था। लंबे समय तक मंजर ने इस गीत को नहीं पढ़ा और कहीं इसका जिक्र नहीं किया। लेकिन चुनाव के दौरान इस गीत का वीडियो अचानक वायरल हुआ। लाखों लोगों ने इसे विभिन्न प्लेटफार्मों पर शेयर किया। इसके बाद हड़कंप मच गया।
शुरू हुआ धमकियों का सिलसिला
बरसों पुराने इस गीत के वायरल होने से सत्ता पक्ष ने इसे अपने खिलाफ महसूस किया है। जिसके बाद शायर मंजर भोपाली को तरह-तरह से धमकियां मिलने लगी हैं। फोन, मैसेज और व्यक्तिगत मुलाकात के जरिए मंजर पर इस गीत को सोशल मीडिया से हटाने का दबाव बनाया जाने लगा है। ऐसी सारी धमकियों और समझाइश का मंजर के पास एक ही जवाब है कि उन्होंने न तो इस गीत को सोशल मीडिया पर शेयर किया है और न ही सत्ता पक्ष के खिलाफ कुछ कहने की उनकी मंशा है। ऐसे में वे किसी प्लेटफार्म से इस गीत को कैसे हटा सकते हैं। मंजर ने ऐसे सभी लोगों को यह मशविरा जरूर दिया है कि सरकार के हाथ में सारे सूत्र हैं, वे चाहें तो जहां से, जो भी हटाना या बढ़ाना चाहें, आसानी से कर सकते हैं।
सबसे ज्यादा घुटन में कलमकार
शायर मंजर भोपाली बताते हैं कि वे लगभग 45 वर्षों से मंचों पर हैं। उन्हें बार-बार आते-जाते देखा है। इस अवधि में बहुत से बदलाव हुए हैं। लेकिन फिलहाल मुझे अजीब तरह की थकान महसूस हो रही है। इस घुटन में सबसे अधिक एक कलाकार है। वह न तो लिख सकता है, न बोल सकता है।
राम का मुल्क यह, चिश्तियों का देश
मंजर भोपाली कहते हैं कि यह देश राम का है और यहां कई चिश्ती आए हैं, साथ ही गुरु नानकजी और गौतम बुद्ध ने भी मुहब्बत की शिक्षाएं दी हैं। लेकिन आज राजनीतिक भाषा कुछ बदली हुई लगती है। मंजर कहते हैं कि आज सियासत से आने वाले शब्द बचपन की तरह ही हैं। वे कहते हैं कि राजनीति आज बहुत छोटी हो गई है।
140 करोड़ मेरे मुहाफिज
मंजर भोपाली अचानक हुई घटना के बाद भी आसानी से दिखाई देते हैं। इस बेफिक्री पर वे कहते हैं कि उनकी सुरक्षा करने के लिए देश में 140 करोड़ बहन-भाई हैं, इसलिए उन्हें किसी का डर या खौफ नहीं है। जब वे देश से बाहर जाते हैं, देश ने उन्हें जो प्यार और सम्मान दिया है, वह और गहरा जाता है। वे बताते हैं कि वे अब तक चौबीस बार अमेरिका गए हैं, लेकिन अपने देश से दूर रहते हुए अपने देश पर गर्व महसूस करते हैं।