जानकारी:: विस्तार से जानें मोबाइल रेडिएशन क्या है और इसका स्वास्थ्य पर क्या प्रभाव है

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आज देश में 100 करोड़ से अधिक मोबाइल यूजर्स हैं और स्मार्टफोन हमारी जिंदगी का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बन गए हैं। हम खाने के बिना कुछ देर रह सकते हैं, लेकिन बिना मोबाइल फोन और इंटरनेट के रहना कठिन है। स्मार्टफोन के कई लाभ हैं, लेकिन इसके कई नुकसान भी हैं। मोबाइल में रेडिएशन सबसे बड़ी समस्या है। स्वास्थ्य के लिए यह किसी जहर से कम नहीं है। आज की इस रिपोर्ट में हम आपको मोबाइल रेडिएशन और टावर रेडिएशन के सेहत पर प्रभाव और उनका विश्लेषण कैसे किया जा सकता है। जानते हैं..।

क्या है मोबाइल टॉवर रेडिएशन?

किसी भी डिवाइस को एक-दूसरे से जुड़ने के लिए एक नेटवर्क चाहिए। इसी तरह मोबाइल फोन भी है। टेलीकॉम कंपनियां मोबाइल फोन नेटवर्क के लिए आवश्यक क्षेत्रों में टावर लगाती हैं। नेटवर्क में रेडिएशन दो प्रकार का होता है। पहला मोबाइल टावर से बाहर निकलता है और दूसरा मोबाइल से बाहर निकलता है।

टावर का रेडिएशन आप अपने फोन से चेक कर सकते हैं, लेकिन आप खुद से नहीं कर सकते। टावर का रेडिशन हमसे सीधे संपर्क में नहीं रहता है, इसलिए इसका बुरा असर शरीर पर बहुत कम होता है. लेकिन फोन हर समय हमारे साथ रहता है, इसलिए इसका बुरा असर बहुत अधिक होता है।

जिस मोबाइल फोन का हम उपयोग करते हैं, उससे एक विशेष प्रकार की तरंगें (इलेक्ट्रोमैग्नेटिक रेडिएशन) निकलती हैं, जो आम जनजीवन के लिए खतरनाक हैं। मोबाइल रेडिएशन से मानसिक अवसाद सहित कई खतरनाक रोगों का खतरा रहता है। आप अपने मोबाइल फोन का रेडिएशन चेक करना चाहते हैं तो *#07# डायल करना होगा।

मोबाइल की स्क्रीन पर रेडिएशन की जानकारी दिखाई देगी जब आप इस नंबर को डायल करेंगे। इसमें रेडिएशन के दो स्तर दिखाए जाते हैं। एक हैंड और दूसरा शरीर। बातचीत करते समय मोबाइल फोन का रेडिएशन स्तर क्या है? बॉडी यानी फोन या जेब में रखे हुए फोन का रेडिएशन स्तर क्या है? आईफोन में सार वैल्यू को लीगल सेटिंग में जेनरल के बाद आरएफ एक्पोजर में देखें।

मोबाइल रेडिएशन से होने वाले नुकसान

मोबाइल रेडिएशन से दिमाग का कैंसर, एकाग्रता, आंख की समस्याएं, तनाव, जन्मजात जोखिम, न्यूरोडेगेनेरेटिव डिसऑर्डर, दिल का जोखिम, प्रजनन क्षमता और सुनने में परेशानी जैसी समस्याएं हो सकती हैं। हाल ही में एम्स और इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (आईसीएमआर) की एक स्टडी में कहा गया है कि मोबाइल रेडिएशन से लोग बहरा हो सकते हैं और यहां तक कि नपुंसक हो सकते हैं. हालांकि, इसका कोई साक्ष्य नहीं है।

कितना होना चाहिए मोबाइल का रेडिएशन ?

संचार एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के “स्पेसिफिक एब्जॉर्प्शन रेट” (सार) के तहत किसी भी स्मार्ट फोन, टैबलेट या अन्य स्मार्ट डिवाइस का रेडिएशन 1.6 वॉट प्रति किलोग्राम से अधिक नहीं होना चाहिए। इस नियम को शरीर से डिवाइस की 10 मिलीमीटर की दूरी पर भी लागू किया जा सकता है। यदि आपका डिवाइस फोन पर बात करते हुए या जेब में रखे हुए इस सीमा को पार करता है, तो यह आपके स्वास्थ्य के लिए खतरनाक है। यदि फोन का सार 1.6 वॉट प्रति किग्रा (1.6 W/kg) से अधिक है तो उसे बदल दें।