कोहरा काल बनकर आया और हेलिकॉप्टर के गिरते ही कुछ समय में साफ हो गया, तब तक सब कुछ खत्म हो चुका था। हमसे बस बीस मीटर की दूरी पर हेलिकॉप्टर गिरा, जो आग से धू-धूकर जल रहा था। हमने घटना के बारे में ठेकेदार को बताया तो उसने अन्य को बताया होगा। यह शब्द अपनी आंखों से हेलिकॉप्टर को क्रैश होता देख चुकीं नेपाली मूल की शर्मिला और उसकी बहन संजू के हैं।
गौरीकुंड में रहने वालीं दोनों महिलाएं अन्य स्थानीय महिलाओं के साथ रविवार को सुबह 4 बजे गौरी माई खर्क के लिए निकल गईं थी। वह केदारनाथ यात्रा में संचालित घोड़ा-खच्चरों के लिए घास काटने का काम करती हैं।
