पांच दिवसीय महिलाओं के लिए योग प्रशिक्षण कार्यक्रम के समापन अवसर पर गुरुकुल कांगड़ी समविश्वविद्यालय के कुलपति प्रो अम्बुज कुमार शर्मा ने कहा कि शैक्षणिक वातारण में रहकर प्रशिक्षण प्राप्त करने से ज्ञान की प्राप्ति अनायास ही हो जाती है। गुरुकुल में स्वामी श्रद्धानंद जी की प्रेरणा एवं स्वामी दयानन्द सरस्वती जी की जीवन दर्शन एवं दृष्टि से परिचित होने का अवसर प्राप्त होता है। पांच दिनों में आपने योग चिकित्सा से जुड़े विभिन्न विषयों को गहनता के साथ सीखा है जिसका प्रयोग आप अपने व्यक्तिगत एवं पेशेवर जीवन में कर सकते हैं।
कुलसचिव प्रो एल पी पुरोहित ने इस अवसर पर कहा कि प्रशिक्षण कार्यक्रम से प्रतिभागियों के अंदर आत्मविश्वास उत्पन्न होता है। इस प्रकार के प्रशिक्षण से अनुभव जन्य ज्ञान शीघ्रता से प्राप्त हो जाता है। किसी विधा से महिला जुड़ती है तो उसका प्रभाव व्यापक हो जाता है। दो परिवार एवं बच्चे us विधा से जुड़ जाते हैं। आपने देश के महानतम शिक्षण संस्थान से प्रशिक्षण प्राप्त किया है जो आपके लिए गौरव का अनुभव करने जैसा है।
इस अवसर पर इस प्रशिक्षण कार्यक्रम के निदेशक एवं योग विज्ञान विभाग के अध्यक्ष प्रो सुरेन्द्र कुमार ने कहा कि महिला योग अनुदेशकों के लिए अयोजित यह कार्यक्रम सफल रहा है। सभी प्रतिभागी वहां खुश हैं जो फीडबैक इन्होंने दिया है उससे यह प्रतीत होता है कि सभी प्रतिभागी यहां से बहुत सारा अनुभव, ज्ञान और कौशल प्राप्त करके जा रहे हैं। योग विज्ञान विभाग सतत इस प्रकार के कार्यक्रम अयोजित करके योग के शास्त्र आधारित ज्ञान को ही प्रसारित करता है। बाहर के कई संस्थान जो योग के नाम पर कुछ भी सीखा दे रहे हैं। यहां भ्रांतियो से मुक्त ज्ञान प्रदान किया जाता है।
कार्यक्रम के संयोजक डॉ ऊधम सिंह ने इस अवसर पर कहा कि इस पूरे प्रशिक्षण कार्यक्रम में लगभग 20 से अधिक व्याख्यान एवं योग प्रयोगात्मक सत्रों का आयोजन किया गया। एक दिन शैक्षणिक भ्रमण का कार्यक्रम भी रखा गया था। उन्होने बताया कि उत्तराखंड सरकार के होमियोपैथी निदेशालय द्वारा प्रायोजित यह कार्यक्रम जिसमें उत्तराखंड के सुदूर दुर्गम स्थलों से आई महिला प्रतिभागियों का पांच दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम आज संपन्न हो गया है । इसमें सभी प्रतिभागियों को प्रमाण पत्र कुलपति प्रो अंबुज कुमार एवं विभागाध्यक्ष प्रो सुरेन्द्र कुमार तथा कुलसचिव प्रो एल पी पुरोहित द्वारा प्रदान किए गए। इस अवसर पर प्रतिभागियों में भी अपने अनुभव साझा किए। साथ ही पुनः इस विश्वविद्यालय में प्रशिक्षण प्राप्त करने के लिए अवसर उपलब्ध कराने के लिए अपनी भावना व्यक्त की। इस कार्यक्रम समापन अवसर पर डॉ योगेश्वर दत्त, डॉ राजीव शर्मा, डॉ निष्कर्ष शर्मा, दीपक आनन्द, उदित कुमार, मोहन, जतिंदर मोहन, निकुंज, जोगेंद्र कुमार, देवेश कुमार, नरोत्तम कुमार आदि उपस्थित रहे।
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