जंगलों में आग लगने की घटनाएं थमने का नाम नहीं ले रही हैं। रानीखेत में जंगल की आग सेना के अस्पताल के पास पहुंच गई। जंगल से उठने वाला धुआं अस्पताल के सभी कक्षों में भर गया, इससे मरीज और चिकित्सा कर्मी बेहाल रहे। उधर, बग्वालीपोखर में जंगल की आग जीआईसी तक पहुंच गई। विद्यालय की सुरक्षा को देखते हुए छुट्टी के बाद घर जा रहे शिक्षक और बड़ी कक्षाओं के विद्यार्थी रास्ते से लौटे लेकिन विद्यालय में लंबे समय से जलापूर्ति ठप होने से उन्हें आग बुझाने के लिए पानी तक नहीं मिला। किसी तरह उन्होंने अपना जीवन खतरे में डालकर आग बुझाई।
सूचना मिलने पर फायर सर्विस और वन विभाग की टीम ने ग्रामीणों की मदद से आग को नियंत्रित किया। मुख्य अग्निशमन अधिकारी महेश चंद्रा ने कहा कि टीम जंगलों की आग को तत्परता से बुझा रही है। शनिवार रात को पाटी ब्लॉक के वालिक, गर्सलेख और मूलाकोट क्षेत्र में जंगलों में आग लग गई। एक स्थान पर लगी आग बाद में पूरे क्षेत्र में फैल गई। कनवाड़ी की पहाड़ी में गरमपानी में जंगल की आग धधकती रही।
सोलन-बड़ोग का जंगल फिर धधका, पाच ट्रेनें हुईं लेट
कालका-शिमला रेलवे ट्रैक पर कुमारहट्टी और बड़ोग के जंगलों में एक बार फिर आग लगी। इससे पांच ट्रेनें लेट गईं। कुमारहट्टी रेलवे स्टेशन पर शिमला जाने वाली ट्रेन को दो घंटे तक रोकना पड़ा। ऊपर की एक ट्रेन को बड़ोग रेलवे स्टेशन पर लगभग दो घंटे रोके रखा। रेलवे बोर्ड और अग्निशमन विभाग ने भी आग बुझाने की कोशिश की जब सूचना मिली। आग को 8 बजे तक नियंत्रित नहीं किया जा सका। कालका-शिमला ट्रैक के साथ जंगल में हर दिन आग लग रही है, अंबाला के वरिष्ठ मंडल वाणिज्यक प्रबंधक नवीन कुमार ने बताया। रेलवे बोर्ड की टीम मौके पर आग बुझाने आई है।