शत प्रतिशत आयुष्मान भारत हेल्थ अकाउंट और आयुष्मान कार्ड बनाने वाले ग्राम पंचायतों को आयुष्मान पंचायत घोषित किया जाएगा। लेकिन राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण के पास कोई रिकॉर्ड नहीं है कि राज्य में कितनी पंचायतें आयुष्मान ग्राम पंचायत बन सकती हैं।
प्रदेश भर में 54 लाख से अधिक लोगों के आयुष्मान कार्ड और 60 लाख से अधिक लोगों की आभा आईडी बन चुकी हैं। केंद्र सरकार ने सितंबर में राज्य भर में आयुष्मान भव अभियान शुरू किया था। 31 दिसंबर को अभियान का अंत हुआ। अभियान ने आयुष्मान कार्ड, आभा आईडी, टीबी की जांच और सिकल सेल एनीमिया से पीड़ित लोगों की पहचान की।
पंचायतों को आयुष्मान पंचायत घोषित किया जाएगा
केंद्रीय सरकार ने घोषणा की कि जिन पंचायतों में सभी लोगों के आयुष्मान कार्ड आभा आईडी बन गए हैं। उन गांवों को आयुष्मान गांव कहा जाएगा। शहरों में लक्ष्य हासिल करने वाले वार्डों को भी शहरी आयुष्मान वार्ड का दर्जा मिलेगा।
आयुष्मान भव कार्यक्रम खत्म हो गया है। लेकिन वर्तमान में राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण के पास यह जानकारी नहीं है। प्रदेश में कई पंचायतों में सभी लाभार्थियों को आयुष्मान कार्ड और आभा आईडी मिल गया है। जो इन पंचायतों को आयुष्मान पंचायतों का दर्जा दे सकता है।
स्वास्थ्य मंत्रालय ने आयुष्मान पंचायत और आयुष्मान शहरी वार्ड बनाने के लिए मानक बनाए हैं। उत्तराखंड की बहुत सी पंचायतें और वार्ड इन शर्तों को मानते हैं। स्वास्थ्य मंत्रालय आयुष्मान पंचायत व वार्ड को मूल्यांकन और प्रमाणीकरण की रिपोर्ट के आधार पर घोषित करेगा। पंचायतों में आयुष्मान कार्ड और आभा आईडी बनाने को लेकर जल्द ही अधिकारियों की बैठक होगी। स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने कहा