Pithoragarh में हुआ दुर्घटना: अगर सरस्वती लिफ्ट नहीं लेतीं तो आज जीवित रहतीं और जान बच जाती; पिकअप को काली नदी में गिरा दिया गया

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धारचूला-तवाघाट सड़क में चैतुलधार के पास सड़क हादसे में अकाल मृत्यु का ग्रास बनी महिला सरस्वती उर्फ सरू पत्नी लक्ष्मण सिंह यदि लिफ्ट नहीं लेतीं तो शायद वह आज जिंदा होतीं। सरस्वती अपने गांव से दो किमी की दूरी पर धौली नदी पार कर दूसरे छोर पर आने के बाद धारचूला के लिए वाहन का इंतजार कर रही थीं। इस बीच राशन छोड़कर लौट रही पिकअप से उन्होंने लिफ्ट मांगी और हादसे में उनकी जान चली गई।

दारमा घाटी के चौबीस गांवों के लोगों ने माइग्रेशन पर उच्च हिमालयी क्षेत्रों में स्थानांतरित हो गया है। मंगलवार को सरस्वती चलाल एक महत्वपूर्ण काम से धारचूला आ रही थीं। मृतक के पति लक्ष्मण सिंह चलाल जम्मू कश्मीर में सीआरपीएफ में हवलदार हैं। उनके चार बच्चे हैं। घटना की जानकारी मिलने पर परिवार सदमे में है। मृतका के पति छुट्टी लेकर घर गए हैं। घटना पर ग्राम प्रधान चल प्रधान सरस्वती देवी और उप प्रधान दिनेश चलाल ने शोक व्यक्त किया है।

लापता लोगों के परिजन बेसुध

सड़क हादसे के बाद पूर्ति निरीक्षक की लापताता से परिवार दुखी है। पूर्ति निरीक्षक पुष्कर बोनाल की पत्नी और तीन बच्चे, साथ ही मंगल सिंह बोनाल के तीन बच्चे और उनके परिवार को भूख लगी है। मृतकों के परिजनों ने जल्द से जल्द दोनों का पता लगाने की मांग की है।