प्रदेश की धामी सरकार अगस्त महीने में विधानसभा का मानसून सत्र आहूत करने जा रही है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को सत्र के स्थान और तारीख को लेकर निर्णय लेना है। प्रदेश मंत्रिमंडल ने सीएम धामी को इसके लिए अधिकृत किया है। साथ ही सत्र को लेकर राजनीतिक हलकों में चर्चाओं का बाजार भी गर्म हो गया है।
सवाल तैर रहा है कि विधानसभा के भीतर धामी सरकार पर विपक्षी हमलों के खिलाफ इस बार कौन ढाल बनेगा? यह प्रश्न इसलिए भी मौजूद है क्योंकि सदन के भीतर विधायी एवं संसदीय कार्यमंत्री का किरदार निभाने वाले प्रेमचंद अग्रवाल इस्तीफा दे चुके हैं। उनके विभाग मुख्यमंत्री संभाल रहे हैं। अभी तक की तो यही परंपरा रही है कि मुख्यमंत्री विस के भीतर विधायी एवं संसदीय कार्य मंत्री का किरदार नहीं निभाते हैं। क्या धामी इस रस्म को तोड़कर स्वयं सदन के भीतर विपक्षी हमलों के खिलाफ ढाल बनेंगे या फिर अपने मंत्रिमंडल के किसी अन्य मंत्री को वह ये जिम्मेदारी देंगे।
