देहरादून। डेंगू की दस्तक के साथ ही श्री महंत इन्दिरेश अस्पताल पूरी तरह अलर्ट मोड में आ गया है। मरीजों की सुरक्षा और बेहतर इलाज सुनिश्चित करने के लिए अस्पताल प्रशासन ने कमर कस ली है। डेंगू मरीजों के लिए 50 बेड का विशेष वार्ड आरक्षित किया गया है, जिसे जरूरत पड़ने पर और भी बढ़ाया जाएगा।
डॉ. जसकरन बजाज को डेंगू नोडल अधिकारी नियुक्त किया गया है, जबकि ब्लड बैंक और इमरजेंसी विभाग को हाई अलर्ट पर रखा गया है। अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. अजय पंडिता ने जानकारी दी कि अस्पताल में वर्तमान में 9 डेंगू पॉजिटिव मरीज भर्ती हैं और सभी का समुचित उपचार किया जा रहा है।
आपात बैठक में बनी रणनीति
शुक्रवार को डॉ. अजय पंडिता और डॉ. गौरव रतूड़ी ने अस्पताल के वरिष्ठ अधिकारियों, नर्सिंग स्टाफ, ब्लड बैंक और इमरजेंसी टीम के साथ आपात बैठक की। सभी को तालमेल बनाकर त्वरित और प्रभावी सेवा देने के निर्देश दिए गए।
बीते वर्ष बना था डेंगू उपचार का गढ़
डॉ. गौरव रतूड़ी ने बताया कि पिछले वर्ष श्री महंत इन्दिरेश अस्पताल ने उत्तराखंड में सबसे ज्यादा डेंगू मरीजों का इलाज कर सराहनीय भूमिका निभाई थी। अस्पताल के ब्लड बैंक ने प्लेटलेट्स की मांग को पूरा किया और इमरजेंसी स्टाफ ने हर मुश्किल परिस्थिति में डटकर काम किया।
डेंगू से घबराएं नहीं, सजग रहें
डॉ. मनोज गुप्ता, निदेशक, श्री गुरु राम राय इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल एंड हेल्थ साइंसेज ने लोगों से अपील की कि डेंगू को लेकर अफवाहों से बचें और लक्षण दिखते ही तुरंत डॉक्टर से परामर्श लें। तेज बुखार, सिर दर्द, बदन दर्द, आंखों के पीछे दर्द और लाल चकत्ते डेंगू के संकेत हो सकते हैं। उन्होंने आश्वस्त किया कि अस्पताल में डेंगू के उन्नत टेस्ट और उपचार की पूरी व्यवस्था है।
कम्युनिटी मेडिसिन विभाग आंकड़ों के अध्ययन और रोगियों के समन्वित उपचार में अहम भूमिका निभा रहा है।