लोगों को अभी गर्मी से राहत की उम्मीद नहीं है। 15 जून तक उत्तराखंड में प्री-मानसून बारिश होने की संभावना है। तब तक ग्रामीण क्षेत्रों में पारा 43 डिग्री से अधिक होने का अनुमान है। हीट वेव को लेकर उत्तराखंड के मैदानी जिलों में अगले तीन दिन यलो अलर्ट जारी किया गया है और मौसम विभाग ने सतर्क रहने की सलाह दी है।
मानसून रविवार को बंगाल की खाड़ी से अंडमान निकोबार द्वीप समूह में पहुंच गया है। 29 से 30 मई तक इसका केरल पहुंचने का अनुमान है। 20 जून के आसपास मानसून उत्तराखंड में दस्तक देगा अगर हवाओं की गति सही रही। डॉ. आरके सिंह, जीबी पंत कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय के मौसम वैज्ञानिक, ने कहा कि अलनीनो का प्रभाव अब कुछ कम हो गया है। Jun 1st से ला नीनो का प्रभाव शुरू होगा। 20 जून के आसपास मानसून उत्तराखंड में आ जाएगा।
प्रदेश के मैदानी जिलों में तापमान अभी और अधिक बढ़ने की संभावना है, उन्होंने कहा। तापमान 43 डिग्री से अधिक हो सकता है। तापमान बढ़ने से राज्य के ग्रामीण इलाकों में लू (गर्म हवाएं) आएगी। इसके लिए सावधान रहना चाहिए। यह बताया गया है कि गर्मी जानलेवा भी हो सकती है, इसलिए सतर्क रहना बहुत जरूरी है। हीट वेव को लेकर उत्तराखंड के मैदानी जिलों में अगले तीन दिन यलो अलर्ट जारी किया गया है और मौसम विभाग ने सतर्क रहने की सलाह दी है।
बाहर निकलने से बचें, खूब पानी पीएं
पंतनगर और काशीपुर के चिकित्सकों का कहना है कि सेंस ऑर्गन (नाक, कान, मुंह, आंख और स्किन) को कपड़े से ढकना चाहिए। इनके माध्यम से गर्म हवा शरीर में प्रवेश करने से बुखार, खांसी और सिर दर्द होने लगते हैं। लापरवाही से माइग्रेन हो सकता है। एचपी, शुगर और बीपी के रोगियों को तेज धूप से बचना चाहिए। पानी की बोतल, छाता-टोपी या सिर ढकने के लिए कपड़ा, तौलिया, हाथ का पंखा, इलेक्ट्रोलाइट-ग्लूकोज और अन्य सामग्री को घर से बाहर निकलते समय साथ रखें। मादक, कैफीन और शर्करा युक्त पेय पदार्थों से बचें। बुजुर्गों, बच्चों, बाहरी कर्मचारियों और पूर्ववर्ती स्वास्थ्य समस्याओं पर विशेष ध्यान दें। अति गर्मियों में कठोर शारीरिक गतिविधियों से बचें।