Uttarakhand प्रदेश: अब कांग्रेस भी जमीन से बाहर है..।दोनों पार्टियों की लोस चुनाव की तैयारी ऐसी है

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कांग्रेस को अपनी कमजोर स्थिति को सुधारने में भाजपा की तरह उत्साह नहीं दिखाई देता। कांग्रेस को लोकसभा चुनाव में सियासी दमखम दिखाने का अवसर मिल गया है। भाजपा की लगातार तैयारियों के सामने कांग्रेस ठहरती नहीं दिखती। वास्तव में, प्रदेश में नारे लिखने के लिए कोई दीवार नहीं मिलेगी अगर उसके चुनावी रणनीतिकार समय पर नहीं जागे।

भाजपा ने दीवारों पर नारे लिखने का युद्धस्तरीय अभियान शुरू किया है। कांग्रेस ने अभी प्रचार शुरू नहीं किया है। पार्टी में तेजतर्रार राजनेता कुमारी शैलजा को प्रभारी बनाए जाने से जो थोड़ी ऊर्जा कौंधी, वह कुछ दिन बाद थम सी गई। अब वह 15 जनवरी को उत्तराखंड आ रही हैं, ताकि पार्टी को प्रेरित किया जा सके।

कांग्रेस की तैयारियां सिर्फ बयानबाजी में समाप्त होती हैं।

भाजपा, दूसरी ओर, प्रधानमंत्री मोदी की जनसभाओं के कार्यक्रम को अंतिम रूप देने वाली है। फरवरी आखिर तक दस केंद्रीय नेताओं की जनसभाएं होंगी। वह सम्मेलनों, संपर्क अभियानों और बूथ से प्रदेश तक चुनाव प्रचार में जुट चुकी है। कांग्रेस, इसके विपरीत, बयानबाजी और पार्टी नेताओं के भाषणों तक ही सीमित है।

15 जनवरी को कुमारी शैलजा का कार्यक्रम पूरे दिन देहरादून में है, लेकिन पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं से बातचीत के लिए सिर्फ तीन घंटे का समय निर्धारित किया गया है। वह इन तीन घंटों के स्वागत कार्यक्रम के बीच विधायकों, पूर्व विधायकों और 2022 के विधानसभा प्रत्याशी रहे नेताओं से भी मिलेंगी।

गृहकार्य पूरा, अब क्लास तैयार करें

पार्टी सूत्रों ने बताया कि उत्तराखंड पहुंचने से पहले प्रदेश प्रभारी ने संगठन स्तर पर रिपोर्ट मांगी थी। ऐसे में वह पूरे होमवर्क के साथ उत्तराखंड आ रही हैं। पार्टी नेताओं से आने वाले दिनों में गहन चर्चा होगी।