Uttarakhand प्रदेश: हाईकोर्ट ने सरकार से पूछा कि टिहरी झील में होटलों का लाइसेंस समाप्त होने के बावजूद कैसे चल रहा है?

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नैनीताल हाईकोर्ट ने शुक्रवार को एक जनहित याचिका पर सुनवाई की, जिसमें फ्लोटिंग हट और फ्लोटिंग रेस्तरां ने मांसाहारी भोजन और मलमूत्र डाले जाने के खिलाफ आरोप लगाया था। मुख्य न्यायाधीश मनोज कुमार तिवारी और न्यायमूर्ति विवेक भारती शर्मा की खंडपीठ ने सरकार से पूछा कि होटल का लाइसेंस समाप्त होने के बावजूद इसका संचालन कैसे जारी रहा? कोर्ट ने मामले की अगली सुनवाई आठ जनवरी को करने का निर्णय लिया है।

राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने घोषणा की कि होटल ले रियो का लाइसेंस 31 मार्च 2023 को समाप्त हो जाएगा। 21 दिसंबर 2023 को संचालक ने इसे रिन्यू करने के लिए आवेदन किया था। पीसीबी ने आवेदन के बाद जनवरी 2024 को इसका संचालन लाइसेंस जारी किया। इसका विरोध करते हुए याचिकाकर्ता के अधिवक्ता ने कहा कि होटल स्वामी को लाइसेंस समाप्त होने से दो महीने पहले नवीनीकरण के लिए आवेदन करना था, लेकिन वह ऐसा नहीं किया। कोर्ट ने पीसीबी रिपोर्ट पर सरकार से प्रतिक्रिया मांगी है।

यह शिकायत है

जनहित याचिकाकर्ता नवीन सिंह राणा स्वर्गआश्रम जोंक जिला पौड़ी गढ़वाल ने कहा कि राज्य सरकार ने पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए टिहरी में गंगा पर फ्लोटिंग हट और रेस्तरां चलाने की अनुमति दी है। लेकिन संचालक अनुमति को गलत ढंग से इस्तेमाल कर रहे हैं। बहुत से रेस्तरां मालिक मांसाहारी भोजन बनाकर पवित्र गंगा में डाल रहे हैं। फ्लॉटिंग हट में रहने वाले लोगों का मल भी गंगा में बहता है।

जनहित याचिका ने यह भी कहा कि राज्य सरकार ने पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए लाइसेंस देकर करोड़ों सनातनियों की भावनाओं से खिलवाड़ किया है। याचिकाकर्ता ने इसे रोकने के लिए जिलाधिकारी, केंद्र सरकार और मुख्य सचिव को पत्र भेजा, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई. इसलिए याची को न्यायालय में आना पड़ा।