Uttarakhand: राजकीय महाविद्यालयों के पांच प्राचार्यों समेत छह के खिलाफ कार्रवाई, अनुशासनहीनता पर सरकार सख्त

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राजकीय विश्वविद्यालयों के पांच प्राचार्यों सहित छह शिक्षकों के खिलाफ शासन ने अनुशासनहीनता के आरोप लगाए हैं। महाविद्यालयों के दो प्राचार्यों को दंडित करते हुए प्रशासनिक आधार पर तबादले और परिनिंदा प्रविष्टि दिए गए हैं। विभाग ने कहा कि अगले तीन साल तक परिनिंदा प्रविष्टि पाने वाले प्राचार्यों को पदोन्नति नहीं मिलेगी।

राष्ट्रीय मूल्यांकन एवं प्रत्यायन परिषद के संबंध में शासन ने दो से 16 अप्रैल 2024 तक विभिन्न तिथियों में वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से बैठक ली थी, लेकिन महाविद्यालय प्राचार्य बिना किसी सूचना के बैठक के अनुपस्थित रहे। उच्च शिक्षा सचिव शैलेश बगौली की ओर से जारी आदेश के मुताबिक राजकीय महाविद्यालय चुडियाला हरिद्वार के प्राचार्य डा.के एस जौहरी 16 अप्रैल 2024 को हुई बैठक में बिना किसी सूचना के अनुपस्थित रहे।

शासन ने उनकी प्रतिक्रिया मांगी थी। जवाब में उन्होंने कहा कि उन्हें चुनाव में जिला मजिस्ट्रेट का कार्यभार दिया गया था। वह चुनाव की बैठकों और तैयारियों में व्यस्त थे। वीडियो कांफ्रेंस की तिथि बदली गई। इसलिए वह बैठक को नहीं जान पाया। उन्हें बैठक के बारे में पता चला तो उन्होंने उसमें भाग लेना चाहा, लेकिन नेटवर्क में समस्याओं की वजह से भाग नहीं ले पाए। उन्हें अनुशासनहीनता का दंड देते हुए शासन ने परिनिंदा प्रविष्टि दी है। विभाग ने भी कहा कि उनका प्रशासनिक आधार पर तबादला हुआ है।

डॉ. डीएस चौहान, राजकीय महाविद्यालय खिर्सू के प्रभारी प्राचार्य, को भी प्रशासनिक आधार पर तबादला दिया गया है। साथ ही, भिकियासैंण विश्वविद्यालय के प्राचार्य डॉ. प्रेम प्रकाश और खिर्सू विश्वविद्यालय के नैक के नोडल अधिकारी डॉ. देवेंद्र कुमार को नियुक्ति दी गई है। जबकि एमबी राजकीय पीजी कालेज हल्द्वानी के प्राचार्य डॉ. एनएस बनकोटी और महाविद्यालय भूपतवाला हरिद्वार के प्राचार्य डॉ. दिनेश शुक्ला को सख्त चेतावनी दी गई है।