Uttarakhand: बिजली संकट, मांग बढ़ी और कटौती तेज दो परियोजनाओं के बंद होने से होगा

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अब गर्मियों में बिजली की बढ़ती मांग के कारण संकट आने वाला है। UJVNL ने चीला पावर हाउस बंद करने की अनुमति मांगी है, जबकि THDCI ने टिहरी परियोजना बंद करने की अनुमति मांगी है।

इसी महीने से बिजली संकट बढ़ने वाला है अगर ये अनुमति जारी की जाएगी। यूपीसीएल कहता है कि वह इसके लिए प्रबंध कर रहा है। THDDC ने केंद्र सरकार से 1000 मेगावाट के टिहरी पंप स्टोरेज प्लांट के ट्रायल रन के लिए एक जून से 15 जुलाई तक विद्युत उत्पादन बंद रखने की अनुमति मांगी है।

यह परियोजना उत्तराखंड को लगभग 100 मेगावाट बिजली प्रदान करती है। इसी तरह, UJVNL ने 17 मई से 6 जून तक चीला पावर हाउस को मेंटिनेंस कार्यों के लिए बंद करने की मांग की है। इससे भी राज्य को हर दिन लगभग 100 मेगावाट बिजली मिलती है। दोनों परियोजनाओं के बंद होने से राज्य को 200 मेगावाट बिजली की सीधी कमी होगी।

इस किल्लत से गर्मियों के सीजन में चुनौती और बढ़ने वाली है। यूपीसीएल के निदेशक परियोजना अजय कुमार अग्रवाल का कहना है कि वह वैकल्पिक तौर पर पहले ही इंतजाम करने में लगे हुए हैं, ताकि दोनों परियोजनाओं से उत्पादन बंद होने का दुष्प्रभाव न हो।

बिजली की मांग बढ़ी, कटौती तेज

5.4 करोड़ यूनिट से अधिक बिजली की मांग प्रदेश में है। इसके मुकाबले करीब 3.7 करोड़ यूनिट उपलब्ध हैं। यूपीसीएल हर दिन बाजार से बाकी बिजली खरीदता है। यूपीसीएल प्रबंधन ने बताया कि वर्तमान में बाजार में बिजली लगभग साढ़े चार रुपये प्रति यूनिट मिल रही है। पीक ऊर्जा बहुत महंगी है। उधर, बिजली की बढ़ती मांग के बीच कटौती भी लगातार बढ़ी है। बृहस्पतिवार को भी ऊधमसिंह नगर, हरिद्वार और छोटे कस्बों में लगभग तीन घंटे की कटौती की गई। यूपीसीएल प्रबंधन ने कहा कि फिलहाल शेड्यूल को कहीं भी नहीं लगाया जा रहा है।