Uttarakhand: केंद्रीय जल आयोग और आईआईटी रुड़की ने जल संसाधन और शहरी बाढ़ प्रबंधन में सहयोग करने पर समझौता किया

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केंद्रीय जल आयोग (CWC) और भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान रुड़की (IIT) ने दो महत्वपूर्ण समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं। इन ज्ञापनों का लक्ष्य शहरी बाढ़ और जल संसाधन प्रबंधन में महत्वपूर्ण समस्याओं का समाधान करना है। इसमें दोनों संस्थानों की मिलकर काम करने वाली विशेषज्ञता का लाभ मिलेगा।

समझौते पर सीडब्ल्यूसी के अध्यक्ष कुशविंदर वोहरा और आईआईटी रुड़की के निदेशक प्रो. कमल किशोर पंत ने हस्ताक्षर किए। बताया कि सीडब्ल्यूसी और आईआईटी रुड़की के बीच सहयोग से जल संसाधन प्रबंधन में सिंचाई दक्षता मूल्यांकन जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर ध्यान दिया जाएगा।

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस एवं मशीन लर्निंग का लाभ उठाएंगे

इसमें प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना (पीएमकेएसवाई) के तहत फसल क्षेत्र मानचित्रण, सुधार के लिए कार्रवाई योग्य सुझाव और एक व्यापक जल लेखा अध्ययन शामिल हैं। जल संसाधन क्षेत्र पर जलवायु परिवर्तन के प्रभाव का आकलन करने वाले जल लेखा परीक्षकों के लिए भी एक कार्यक्रम शुरू किया जाएगा। इस अभियान का उद्देश्य कृषि उत्पादकता को बढ़ाना और जल प्रबंधन प्रणालियों को सुधारना है।

शहरी बाढ़ पूर्वानुमान, संख्यात्मक जलप्लावन व खतरे का मानचित्रण, शहरी बाढ़ जोखिम प्रबंधन इस समझौते में शामिल होंगे। शहरी क्षेत्रों में बाढ़ की संवेदनशीलता का सटीक चित्रण करने के लिए यह साझेदारी डेटा एनालिटिक्स, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और मशीन लर्निंग का उपयोग करेगी।

जल संसाधन विकास एवं प्रबंधन विभाग के भारत सिंह चेयर, प्रो. आशीष पांडे ने कहा कि आईआईटी रुड़की में जल संसाधन प्रबंधन की विशेषज्ञता सिंचाई दक्षता का मूल्यांकन करने, जल लेखांकन अध्ययन करने, जल लेखा परीक्षकों को प्रशिक्षित करने और जल संसाधन क्षेत्र पर जलवायु परिवर्तन के प्रभावों का आकलन करने में सहायक हो सकती है। केंद्रीय जल आयोग के अध्यक्ष कुशविंदर वोहरा और आईआईटी रुड़की के निदेशक प्रो. कमल किशोर पंत ने कहा कि दोनों संस्थाओं का सहयोग बहुत फायदेमंद होगा।