Uttarakhand Cabinet: योग और मेगा इंडस्ट्रियल की नई नीति को मंजूरी, पढ़ें धामी कैबिनेट के अन्य फैसले

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प्रदेश की धामी सरकार सरकारी विभागों के ठेकों और उत्पादों की खरीद में स्थानीय व्यक्तियों और पंजीकृत फर्मों, स्वयं सहायता समूहों, सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योगों (एमएसएमई) को प्राथमिकता देगी। राज्य सरकार के विभिन्न विभागों में 10 करोड़ रुपये तक की लागत के कार्य स्थानीय व्यक्तियों या स्थानीय पंजीकृत फर्मों के माध्यम से ही कराए जाएंगे। अभी तक यह सीमा पांच करोड़ रुपये तक है। प्रदेश मंत्रिमंडल ने उत्तराखंड अधिप्राप्ति (प्रोक्योरमेंट) नियमावली में संशोधन को मंजूरी दे दी है।

साथ ही उत्तराखंड को योग व वेलनेस की वैश्विक राजधानी बनाने के लिए देश की पहली योग नीति 2025 को भी मंजूरी दे दी गई है। नीति के तहत राज्य में योग और वेलनेस केंद्रों में निवेश पर अनुदान देगी। बड़े उद्यमियों को राज्य में निवेश को आकर्षित करने के लिए कैबिनेट ने मेगा इंडस्ट्री और इन्वेस्टमेंट नीति को भी मंजूरी दे दी है। राज्य सचिवालय में सीएम पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में 11 प्रस्तावों पर मुहर लगी। सचिव मंत्रिपरिषद शैलेश बगौली ने फैसलों की जानकारी दी।

पांच योग हब और 13,000 नौकरियों के अवसर बनेंगे
2030 तक के लिए मंजूर योग नीति के तहत राज्य सरकार जागेश्वर, मुक्तेश्वर, व्यास घाटी, टिहरी और कोली ढेक झील क्षेत्र को योग हब के तौर पर विकसित करेगी। सरकार पर्वतीय क्षेत्रों में योग और वेलनेस केंद्र में निवेश पर 50 प्रतिशत और मैदानी क्षेत्रों में 25 प्रतिशत तक सब्सिडी देगी। राज्य में खोले जाने वाले योग व ध्यान केंद्रों का पंजीकरण अनिवार्य होगा। 300 से अधिक आयुष, हेल्थ एवं वेलनेस केंद्रों में योग शुरू होगा। योग व प्राकृतिक चिकित्सा निदेशालय बनेगा। योग, ध्यान और प्राकृत चिकित्सा के क्षेत्र में शोध के लिए एक करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है,जो शोध करने पर अनुदान के रूप में दी जाए। नीति के तहत राज्य में करीब 13,000 से अधिक रोजगार सृजित होंगे। 2500 योग शिक्षकों के लिए योगा सर्टिफिकेशन बोर्ड से प्रमाणित होंगे। 10,000 से अधिक योग अनुदेशकों को होमस्टे, होटल आदि में रोजगार मिलने की संभावना है।