देहरादून। DGP अभिनव कुमार ने सभी पुलिस कप्तानों को साफ़ चेतावनी दी कि महिला सुरक्षा से कोई समझौता नहीं किया जाएगा और महिलाओं से दुर्व्यवहार अथवा अनैतिक कार्य में पुलिस बल से जुड़े किसी की की भी संलिप्तता पाई जाने पर कठोर कार्रवाई की जाएगी। हाथरस में सत्संग स्थल पर भगदड़ से हुई मौतों के बाद उत्तराखंड पुलिस ने आदेश कर दिया कि धार्मिक आयोजनों- मेलों की मंजूरी 15 दिन पहले लेनी होगी।
DGP ने आज बैठक में कहा कि ऐसी घटनाओं से पुलिस विभाग की छवि धूमिल होती है। महिलाओं और आम लोगों में खराब संदेश जाता है। भविष्य में पुलिस कार्मिकों की महिलाओं और बालिकाओं के साथ दुर्व्यवहार अथवा अनैतिक कार्यों में संलिप्तता की पुष्टि होने पर उनके खिलाफ तुरंत मुकदमा दर्ज कर कार्रवाई की जाएगी।
ADGP (कानून-व्यवस्था) अजय प्रकाश अंशुमन ने भी सभी Range DIG-IG और कप्तानों-रेलवे अफसरों के साथ वीडियो कांफ्रेसिंग से बात कर मेले, धार्मिक आयोजन एवं अन्य अवसरों पर भीड़ प्रबन्धन के दृष्टिगत कई अहम निर्देश दिए। भीड़ प्रबन्धन के नजरिये से थाना प्रभारी स्वयं मौके पर जाकर आयोजन स्थल की भीड़ क्षमता, प्रवेश/निवासी द्वार, पार्किंग का आंकलन करेंगे। उसके बाद ही आयोजन को ले के NoC दी जाएगी।
अंशुमन ने कहा कि अपने जिलों में होने वाले छोटे-बड़े आयोजनों के सम्बन्ध में SoP तैयार कर शीघ्र पुलिस मुख्यालय को उपलब्ध कराएंगे। आयोजनों का वार्षिक कैलेण्डर तैयार कर पुलिस प्रबन्ध सुनिश्चित करेंगे। बिना अनुमति के आयोजित होने वाले कार्यक्रमों के आयोजकों के विरुद्ध नियमानुसार वैधानिक कार्यवाही की जाएगी।
ये भी निर्देश दिए गए कि मेले एवं धार्मिक आयोजनों की 15 दिवस पूर्व अनुमति लेनी होगी। आश्रमों एवं मठों के पदाधिकारियों से समन्वय स्थापित कर उनके समस्त कार्यक्रमों की रिपोर्ट लेंगे।