मई के बाद जून में भी भारी गर्मी बहुत चिंताजनक है। 121 साल बाद दून का सबसे ऊंचा तापमान 42 डिग्री पार हुआ। गर्म हवाओं ने दिन और रात दोनों में भारी वर्षा की। साल 1902 की चार जून को सबसे अधिक तापमान 43.9 डिग्री था, जो अभी तक जून महीने का सबसे अधिक तापमान है।
मौसम वैज्ञानिकों का कहना है कि प्री मानसून की बारिश नहीं होगी, क्योंकि दिन-प्रतिदिन बढ़ती गर्मी इसकी वजह है। इतना ही नहीं, अगले दो दिनों में गर्मी कम होने का कोई संकेत नहीं है। वैज्ञानिकों का कहना है कि इस बारिश से हुई गिरावट और जलवायु परिवर्तन के चलते मैदान से लेकर पहाड़ों तक भारी गर्मी का कारण बनेगी। यही कारण है कि दिन में ही नहीं, रात में भी गर्म हवाएं परेशान करती हैं।
आंकड़े बताते हैं कि बृहस्पतिवार को दून का सर्वोच्च तापमान 42.4 डिग्री रहा, जो सामान्य से सात डिग्री अधिक था। रात का न्यूनतम तापमान भी 26 डिग्री था, जिसमें तीन डिग्री की वृद्धि हुई थी। जबकि मौसम विज्ञान केंद्र ने शुक्रवार को 42 डिग्री सेल्सियस अधिकतम और 26 डिग्री सेल्सियस न्यूनतम तापमान का अनुमान लगाया है।
मैदानी इलाकों में गर्म हवाओं का अलर्ट
शुक्रवार को राज्य के पहाड़ी जिलों में हल्की बारिश होने की संभावना है। मैदानी क्षेत्रों में गर्म हवा परेशान कर सकती है। मौसम विज्ञान केंद्र ने कहा कि उत्तरकाशी, रुद्रप्रयाग, चमोली, बागेश्वर और पिथौरागढ़ के कुछ हिस्सों में हल्की बारिश हो सकती है। जबकि ग्रामीण क्षेत्रों में झोंकेदार हवाएं ३० से ४० किलोमीटर की रफ्तार से चल सकती हैं। केंद्र ने गर्म हवा का ओरेंज अलर्ट जारी किया है।
यह रहा तापमान
देहरादून 42.4 26.0
पंतनगर 41.0 23.0
मुक्तेश्वर 31.0 18.2
नई टिहरी 31.6 20.2