उत्तराखंड की धामी सरकार देश में समान नागरिक संहिता (यूसीसी) का कानून बनाने के बाद अब इसे लागू करने की तैयारी में है। अक्तूबर के अंत तक राज्य में यूसीसी कानून लागू हो सकता है।
यूसीसी की नियमावली का ड्राफ्ट 50 प्रतिशत से अधिक पूरा हो चुका है और अगले ढाई महीनों में पूरा हो जाएगा. इसके लागू करने में थोड़ा और समय लगेगा क्योंकि पंचायत और निकाय स्तर पर कर्मचारियों को प्रशिक्षण देना होगा। गृह विभाग को इस विषय में एक प्रशिक्षण कार्यक्रम बनाने का आदेश दिया गया है।
एक्ट के तहत विवाह और लिव इन में रहने के लिए पंजीकरण की ऑनलाइन सुविधा भी होगी। इसके लिए वेबसाइट व पोर्टल बनाने का 70 फीसदी काम पूरा हो चुका है। यूसीसी की नियमावली बनाने का काम पूर्व मुख्य सचिव शत्रुघ्न सिंह की अध्यक्षता में गठित नौ सदस्यीय समिति कर रही है। समिति को यह कार्य फरवरी के दूसरे हफ्ते में दिया गया था।
तब से अब तक समिति ने आधी नियमावली तैयार कर ली है और अब समिति को इस कार्य को निपटाने में मुश्किल से ढाई महीने का समय लगेगा। समिति के अध्यक्ष शत्रुघ्न सिंह के मुताबिक, समिति नियमावली ड्राफ्ट तैयार करने के साथ इसे लागू करने के तकनीकी पहलुओं पर काम कर रही है।
समिति के अध्यक्ष शत्रुघ्न सिंह के मुताबिक, एक्ट के तहत विवाह और लिव इन में रहने वालों के लिए पंजीकरण अनिवार्य किया गया है। इसे ऑनलाइन भी कराया जा सकेगा। इसके लिए एक वेबसाइट व पोर्टल बनाने का कार्य तेजी से चल रहा है। आईटीडीए ने 70 प्रतिशत कार्य पूरा कर लिया है। स्मार्ट फोन से ही घर बैठे पंजीकरण की सुविधा उपलब्ध कराने के लिए मोबाइल एप्लीकेशन भी तैयार की जा रही है।
यूसीसी कानून के तहत ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में पंचायतों और नगर निकायों के माध्यम से पंजीकरण की व्यवस्था होगी। इसके लिए पंचायत और निकाय स्तर पर तैनात कर्मचारियों को यूसीसी एक्ट और उसकी नियमावली के संबंध में प्रशिक्षण दिया जाएगा। इस संबंध में गृह विभाग को प्रशिक्षण कार्यक्रम की तैयारी करने का अनुरोध कर दिया गया है।
यूसीसी कानूनों की नियमावली अगले ढाई महीनों में तैयार होने की उम्मीद है, लेकिन पंचायतों और निकायों के कर्मचारियों को प्रशिक्षण मिलना चाहिए। इस संबंध में सचिव गृह से अनुरोध किया गया है। प्रशिक्षण कार्यक्रम कम से कम डेढ़ से दो महीने का होगा। ऐसी स्थिति में अक्तूबर महीने तक कानून बनाने और लागू करने की स्थिति बन सकती है।