दिल्ली। ग्रेटर नोएडा शहर के पास बन रहे जेवर एयरपोर्ट को लेकर बड़ी अपडेट आई है। अपडेट यह है कि हवाई कनेक्टिीविटी से पहले जेवर एयरपोर्ट को जमीन पर पूरे देश के साथ सीधा जोड़ दिया जाएगा। देश भर के बड़े-बड़े हाइवेज, एक्सप्रेसवे तथा दूसरे संपर्क मार्गों के माध्यम से जेवर एयरपोर्ट को देश भर की सडक़ों से सीधा जोड़ा जा रहा है। इसी कड़ी में रेल मार्ग के द्वारा भी जेवर एयरपोर्ट का सीधा संपर्क पूरे भारत के साथ जोड़ा जा रहा है। इसी साल 29 सितंबर को जेवर एयरपोर्ट से हवाई यात्रा शुरू करने की योजना पर भी तेजी से काम चल रहा है।
विकास पुरूष कर रहे हैं काम
हम पहले भी बता चुके हैं कि एशिया का सबसे बड़ा जेवर एयरपोर्ट ग्रेटर नोएडा शहर के पास स्थापित हो रहा है। जेवर एयरपोर्ट का निर्माण यमुना औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यीडा) के क्षेत्र में हो रहा है। यीडा के CEO डा. अरूणवीर सिंह जेवर एयरपोर्ट के निर्माण कार्य की निगरानी कर रहे हैं। डा0 अरूणवीर सिंह को अपने ऐतिहासिक कार्यों के कारण विकास पुरूष कहा जाता है। विकास पुरूष के नाम से प्रसिद्ध डा. अरूण वीर सिंह का सपना है कि जेवर एयरपोर्ट दुनिया का सबसे शानदार एयरपोर्ट साबित होना चाहिए। डा. अरूणवीर की देखरेख में ही उत्तर प्रदेश तथा कोन्द्र सरकार के विभाग जेवर एयरपोर्ट को सडक़ तथा रेल मार्ग से देश भर के साथ जोडऩे के काम में लगे हुए हैं।
यमुना एक्सप्रेसवे से बड़ी कनेक्टिविटी
हाल ही में आई एक रिपोर्ट के मुताबिक जेवर एयरपोर्ट को 15 जून तक ग्रेटर नोएडा से आगरा तक वाले यमुना एक्सप्रेसवे के साथ जोड़ दिया जाएगा। इसी प्रकार दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे के साथ भी जेवर एयरपोर्ट को जोडऩे का काम चल रहा है। जेवर एयरपोर्ट से सितंबर में यात्री उड़ानें शुरू हो जाएंगी। इससे पहले 15 जून तक यमुना एक्सप्रेसवे पर इंटरचेंज बनाकर इसे यमुना एक्सप्रेसवे से जोड़ दिया जाएगा। जिससे दिल्ली और आगरा जैसे शहरों से एयरपोर्ट की सीधी कनेक्टिविटी हो जाएगी। निर्माणकर्ता कंपनी ने बताया कि यमुना एक्सप्रेसवे से जोड़ने वाले इस हिस्से का 80 प्रतिशत काम हो चुका है बाकी को जल्द पूरा कर लिया जाएगा। वहीं दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे से जोड़ने के लिए हरियाणा के बल्लभगढ़ से एयरपोर्ट तक ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे का निर्माण भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) कर रहा है। इसका 22 किमी का हिस्सा हरियाणा में और 9 किमी का हिस्सा उत्तर प्रदेश की सीमा में तैयार होना है। हरियाणा वाले हिस्से में काम शुरू नहीं हो सका है। राहत की बात है कि उत्तर प्रदेश की सीमा में किसानों से जमीन अधिग्रहण के बाद इस पर तेजी र्ग से काम चल रहा है यह रास्ते में पड़ने है। वाले यमुना एक्सप्रेसवे के ऊपर से में गुजरेगा। यमुना एक्सप्रेसवे से कनेक्टिविटी देने के लिए यहां इंटरचेंज भी बनाया जा रहा है। करीब 2114 करोड़ की लागत से इस एक्सप्रेसवे का क निर्माण सितंबर 2024 तक पूरा करने का लक्ष्य तय किया गया था