देहरादून। उत्तराखण्ड सरकार द्वारा रजिस्ट्री प्रक्रिया को पूर्णतः ऑनलाइन करने, विवाह पंजीकरण, उत्तराधिकार एवं वसीयत के पंजीकरण को भी डिजिटल प्लेटफॉर्म पर लाने तथा इन महत्वपूर्ण कार्यों से अधिवक्ताओं को बाहर रखने की योजना के विरोध में राज्यभर के अधिवक्ताओं ने आज देहरादून स्थित सचिवालय का घेराव कर जोरदार प्रदर्शन किया।
बार काउंसिल ऑफ उत्तराखण्ड के आव्हान पर यह विरोध प्रदर्शन आयोजित किया गया, जिसमें बार एसोसिएशन ऋषिकेश की सक्रिय और निर्णायक भागीदारी रही। अधिवक्ताओं ने सरकार पर आरोप लगाया कि वह कानूनी प्रक्रिया से अधिवक्ताओं की भूमिका को समाप्त कर रही है, जो न केवल उनके अधिकारों का हनन है, बल्कि आम नागरिकों की न्याय तक पहुंच को भी प्रभावित करेगा।

ऋषिकेश बार एसोसिएशन के अध्यक्ष श्री राजेन्द्र सिंह सजवाण और महासचिव श्री शैलेन्द्र सेमवाल के नेतृत्व में अधिवक्ताओं ने सचिवालय के बाहर धरना, नारेबाजी और घेराव कर सरकार को चेताया कि यदि यह जनविरोधी और अधिवक्ता-विरोधी निर्णय वापस नहीं लिए गए, तो आंदोलन को और अधिक उग्र रूप दिया जाएगा।
इस प्रदर्शन में एसोसिएशन के पदाधिकारी –
उपाध्यक्ष तारा राणा,
सहसचिव प्रदीप ठाकुर,
कोषाध्यक्ष कुलदीप रावत,
ऑडिटर कमलेश कुमार,
पुस्तकालयाध्यक्ष कु. अंजु
सहित सैकड़ों अधिवक्ता शामिल रहे।
प्रमुख वरिष्ठ अधिवक्ताओं में श्री पी.डी. त्यागी, श्री शीशराम कंसवाल, जय सिंह रावत, सुभाष भट्ट, राकेश सिंह मियां, राजेश अग्रवाल, डी.एन. गर्ग, खुशहाल सिंह कलूडा, दीपक लोहनी, मोहन पैन्यूली, देवेन्द्र दत्त कुलियाल, भूपेन्द्र शर्मा, रविन्द्र सिंह बिष्ट, संजीव पाण्डेय, प्रदीप वर्मा, राम अवतार, राजेश मोहन, पुष्कर बंगवाल, नरेन्द्र रांगड़, अतुल यादव, अनिल भण्डारी, सुरेश नेगी, मोहित शर्मा, संदीप पयाल, सुनील नवानी, मुकेश शर्मा, अमित अग्रवाल, भूपेन्द्र कुकरेती, नवीन रावत, आसीम खान, जबर सिंह पंवार, भारत भूषण, राजपाल बिष्ट, हेमन्त कंडवाल, पूजा बेलवाल, ज्योति गौड़, प्रीति भट्ट, मोनिका, अजय कथूरिया, शरद सक्सैना, एमी कालड़ा, पारस अग्रवाल, और सोन त्यागी शामिल रहे।
अधिवक्ताओं ने एक स्वर में सरकार को चेतावनी दी कि यदि जल्द ही अधिवक्ताओं की सहभागिता सुनिश्चित करते हुए प्रस्तावित ऑनलाइन प्रणाली में आवश्यक संशोधन नहीं किए गए, तो राज्यभर में बड़े आंदोलन की शुरुआत की जाएगी।