ऋषिकेश। डॉ अग्रवाल ने कहा कि भगवान विश्वकर्मा को दुनिया का पहला इंजीनियर एवं वास्तुकार माना जाता है। विश्वकर्मा ने सृष्टि की रचना में भगवान ब्रह्मा की सहायता की थी। कहा कि ऐसी मान्यता है कि विश्वकर्मा जी ने ही देवताओं के घर, नगर, अस्त्र-शस्त्र आदि का निर्माण किया था। साथ ही हस्तिनापुर, द्वारिका, इंद्रपुरी, पुष्पक विमान एवं इन्द्रप्रस्थ जैसे कई नगरों, भवनों एवं वस्तुओं का निर्माण किया है। कह कि यही कारण से इस दिन उद्योगों एवं फैक्ट्रियों में भगवान विश्वकर्मा की पूजा की जाती है।
डॉ अग्रवाल ने कहा कि भगवान विश्वकर्मा एक प्रसिद्ध ज्ञानी ऋषि और शिल्पकार थे। आज वो हमारे साथ नहीं लेकिन वो हर एक व्यक्ति के जीवन में कला के रूप में दिखाई देते है। कहा कि वेदों और पुराणों में इनका श्रद्धा सहित उल्लेख मिलता है। आज संसार जगत निर्माता भगवान विश्वकर्मा नहीं होते तो शिल्पकला और वास्तुकला का कोई नाम ही नहीं होता। कहा कि वास्तुकला से ही किसी भी वस्तु की पहचान होती। इन वास्तु निर्माता कलाकारों का श्रेय भी भगवान विश्वकर्मा को ही जाता है।
इस अवसर पर मण्डल अध्यक्ष सुमित पंवार, जिला उपाध्यक्ष दिनेश सती, पूर्व पालिकाध्यक्ष शम्भू पासवान, पुनिता भंडारी, गोपाल सती, जितेंद्र पाल पाठी, प्रशांत चमोली, अखिलेश मित्तल, हर्ष पाल, मयंक शर्मा, विनायक कुमार, कमल दास आदि उपस्थित रहे।