डोल-दमाऊ की गूंज के साथ ऋषिकेश में निकली भव्य विजय पदयात्रा

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ऋषिकेश। उत्तराखंड के जांबाज खिलाड़ियों ने खेलो मास्टर्स गेम्स नेशनल फुटबॉल एवं एथलेटिक्स में शानदार प्रदर्शन कर राज्य का नाम रोशन किया। खिलाड़ियों ने फुटबॉल के 40 प्लस, 50 प्लस और 60 प्लस वर्गों में सिल्वर मेडल जीतकर इतिहास रच दिया, वहीं एथलेटिक्स, टेबल टेनिस और तैराकी में गोल्ड, सिल्वर और कांस्य पदकों की झड़ी लगा दी।

इस ऐतिहासिक सफलता के बाद पहाड़ी स्वाभिमान मोर्चा ऋषिकेश सिटी रोड और पहाड़ी बॉयज फुटबॉल क्लब ऋषिकेश के तत्वावधान में डोल-दमाऊ की गूंज के साथ एक किलोमीटर लंबी विजयी पदयात्रा निकाली गई। इस आयोजन में स्थानीय जनता ने भी बढ़-चढ़कर भागीदारी निभाई। कार्यक्रम के नेतृत्वकर्ता रहे डॉ. वीरेंद्र सिंह रावत, जिन्होंने खिलाड़ियों की इस गौरवमयी उपलब्धि को ‘उत्तराखंड के स्वाभिमान’ का प्रतीक बताया।

सम्मान समारोह के मुख्य अतिथि रहे जिला पंचायत सदस्य संजीव चौहान, पार्षद सुरेंद्र सिंह नेगी, अनिल रावत, सचबीर भंडारी, राजेश कोठियाल और नरेंद्र सिंह नेगी। विशिष्ट अतिथियों में संजय सकलानी और राहुल रावत शामिल रहे। सभी पदक विजेताओं को फूल मालाओं और प्रतीक चिह्नों से सम्मानित किया गया।

सम्मानित खिलाड़ी:
डॉ. वीरेंद्र सिंह रावत (महासचिव/टेक्निकल डायरेक्टर, खेलो मास्टर्स गेम्स फाउंडेशन उत्तराखंड) ने तीन सिल्वर मेडल जीतकर और ‘बेस्ट अनुशासन अवॉर्ड 2025’ प्राप्त कर उत्तराखंड का गौरव बढ़ाया। वे ‘पद्म श्री’ अवॉर्ड 2025 के नामित भी हैं।

इसके अतिरिक्त सम्मानित खिलाड़ियों में शामिल हैं:
विमल सिंह रावत (गोल्ड, सिल्वर, कांस्य – एथलेटिक्स व फुटबॉल), गोपाल रावत, मुकेश नेगी, मनोज नेगी, मनमोहन सिंह नेगी (टेबल टेनिस कांस्य, फुटबॉल सिल्वर), रघुबीर सिंह बिष्ट, पी.सी. खंतवाल, सुदेश शर्मा, रमेश राणा, सुनील शर्मा, चेतन देव थपलियाल, यशोधर सिंह रावत, मानवेन्द्र सिंह रावत, आनंद गुसाईं, सोनू कुमार (तैराकी सिल्वर), संजय दत्त, तारेन्दर सिंह बिष्ट, राजेश कुमार खत्री, प्रकाश रोनी, खड़क बहादुर थापा, वीरेंद्र प्रसाद रतूड़ी, सत्य प्रकाश जोशी, नन्द लाल ठाकुर, संदीप थपलियाल, टीसेरिंग येशी, परविंदर सिंह भंडारी, सुनील गुरुंग, प्रेम प्रकाश पुरोहित (गोल्ड/सिल्वर/ब्रॉन्ज – एथलेटिक्स), गौरव शर्मा, डी.एस. रौतेला और प्रदीप शर्मा।

जनता का अपार सहयोग और जोश:
ऋषिकेश की सड़कों पर डोल-दमाऊ की गूंज और विजयी नारों के बीच स्थानीय जनता ने खिलाड़ियों का अभूतपूर्व स्वागत किया। यह आयोजन पहाड़ के जुझारूपन, आत्मगौरव और युवा शक्ति का अद्भुत प्रतीक बनकर सामने आया।