थत्युड़ (टिहरी) दिल्ली-यमुनोत्री राजमार्ग मरम्मत की कमी से बेहाल है। मरोड़ से डामटा के बीच 12 किमी लंबी सड़क की चौड़ीकरण की योजना पिछले पांच साल से ठप है, जिससे सड़क पर बड़े-बड़े गड्ढे बन गए हैं। डामरीकरण नहीं होने से हाईवे धूल से भर गए हैं। सड़क किनारे पैरापिट और रेलिंग नहीं होने से दुर्घटना होने की संभावना कम होती है।
दिल्ली-यमुनोत्री हाईवे देश-विदेश से यात्री यमुनोत्री, गंगोत्री धाम जाते हैं। इसके अलावा, यमुना घाटी, रवाईं, जौनपुर, टोंस और जौनसार के लोगों की जीवन रेखा यह हाईवे है। यात्रा अवधि के दौरान हाईवे पर वाहनों का प्रचुर दबाव रहता है। नैनबाग से डामटा तक एकमात्र लाइन होने के कारण हाईवे यमुना पुल (मसूरी बैंड) पर वाहन चलाना मुश्किल है।
नैनबाग से डामटा तक हाईवे संकरा होने और खस्ता होने के कारण जाम लगातार रहता है। मरोड़ से डामटा के बीच लगभग बारह किमी की सड़क का चौड़ीकरण का काम पिछले पांच वर्षों से ठप है। इसके परिणामस्वरूप सड़क पर हर दो कदम पर गड्ढे बन गए हैं। जयंती समिति के सचिव प्रदीप कवि और खरसोन के प्रधान अनिल बिजल्वाण ने हाईवे की मरम्मत जल्द करने की मांग की है।
जिस ठेकेदार ने दिल्ली-यमुनोत्री राजमार्ग के मरोड़ से डामटा तक पांच किमी का काम करना था, वह काम छोड़ दिया। ठेकेदार का नाम ब्लैक लिस्ट पर है। सड़क सुधार और चौड़ीकरण का प्रस्ताव केंद्र सरकार के स्तर पर विचाराधीन है। यमुना पुल से नैनबाग तक बारह किमी की सड़क डूब क्षेत्र में आने के कारण इसका एलाइनमेंट होगा।