बरेली में साइबर ठगों ने एक व्यापारी को इफको यूरिया खाद की डीलरशिप दिलाने का झांसा देकर 10.32 लाख रुपये ले लिए। व्यापारी काफी समय बाद धोखाधड़ी का अहसास हुआ। रिपोर्ट साइबर क्राइम थाने में दर्ज कराई गई है।
गेंदनलाल मीरगंज के गांव संजरपुर में एक व्यवसायी हैं। वे साइबर थाना पुलिस को बताया कि इफको खाद की डीलरशिप से संबंधित एक नोटिफिकेशन उनके फोन पर आया था। इसमें डीलरशिप के लिए आवेदन की मांग की गई थी।
संबंधित नंबर पर कॉल करके उन्होंने आवेदन की जानकारी प्राप्त की। इसके बाद साइबर ठगों ने ईमेल के माध्यम से फर्जी एग्रीमेंट, फार्म और मंजूरी पत्र भेजे। एक साइबर ठग ने इफको का अधिकारी बताकर डीलरशिप की जानकारी दी।
गेंदनलाल ने कागजी प्रक्रिया पूरी करने के बाद अप्रैल महीने में कई बार साइबर ठगों के खाते में 10 लाख 32 हजार 468 रुपये भेजे। गेंदनलाल ने मोबाइल फोन पर संपर्क साधा जब उसे डीलरशिप मिलने के बारे में काफी समय तक कोई जानकारी नहीं मिली। गेंदनलाल को लगता था कि उनके साथ धोखाधड़ी की गई है क्योंकि इन लोगों ने सिर्फ कॉल नहीं रिसीव की।
झांसा देकर मंगाए कागजात और ले लिया ऋण
सोशल मीडिया पर एक विज्ञापन देखकर एक महिला ने उच्च शिक्षा के लिए संपर्क किया, लेकिन शातिर लोगों ने उसके नाम पर ऋण ले लिया। महिला ने प्रेमनगर थाने में शिकायत की है।
काउंसिल इंडिया सर्विस प्राइवेट लिमिटेड का एक विज्ञापनशास्त्री नगर टेलीफोन कॉलोनी निवासी मीनाक्षी सक्सेना ने देखा और दिए गए नंबर पर फोन किया। शांतनु, कंपनी के एडवरटाइजिंग हेड, ने मास्टर कोर्स, इंटर्नशिप और क्लैप कोर्स कराने का झांसा दिया और 90 हजार रुपये फीस देने की घोषणा की। अंकुश शर्मा ने खुद को कंपनी का एडमिशन हेड बताकर कुछ कागजों की मांग की, जिनमें आधार और पैन कार्ड शामिल थे।
जब मोबाइल पर ओटीपी आया, तो वह भी महिला से लिया। महिला ने भी 3750 रुपये ऑनलाइन भेजे। बाद में पता चला कि महिला ने शातिरों से 86 हजार रुपये का ऋण लिया था। कंपनी के सीईओ शिवम दीक्षित ने भी धमकी दी जब शिकायत की गई। रिपोर्ट प्रेमनगर थाने में दर्ज कराई गई है।
खाते में छोड़े दो सौ रुपये
साइबर थाना पुलिस ने घटना की शिकायत के तुरंत बाद जांच शुरू की। इंस्पेक्टर अनिल यादव ने गेंदनलाल के खाते से पैसे की डिटेल निकाली। पता चला कि खाते में सिर्फ दो सौ रुपये थे। ताकि रकम डालते समय कोई शक न हो, खाता इफको से मिलते-जुलते नाम से ही बनाया गया था।
- किसी को आधार कार्ड या पैनकार्ड न भेजें।
- किसी नए लिंक पर क्लिक न करें, आपकी निजी जानकारी ठगों को मिल सकती है।
- किसी योजना, ऑफर या इनाम के झांसे में न आएं।
- किसी को ओटीपी न बताएं, बैंक संबंधी डिटेल न दें।
- फिजूल के एप डाउनलोड करने से बचें।
- ठगी होते ही 1930 टोल फ्री नंबर पर कॉल करें।
- सोशल मीडिया अकाउंट पर प्राइवेसी लगाकर रखें।
- ठगी का पता चलते ही cybercrime.gov.in पर भी शिकायत दर्ज करा सकते हैं।