चार धाम धार्मिक स्थानों की सुरक्षा की जांच करके धामों की कड़ी सुरक्षा की जांच एंटी सबोटाज

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चार धाम

चार धाम यात्राओं को लेकर धार्मिक स्थलों की सुरक्षा की जांच करके धामों की पूरी तरह से सुरक्षा की जानी चाहिए। चार मंदिरों और उनके आसपास एंटी सबोटाज जांच की जाए। यात्रियों को बल्क SMS द्वारा मौसम-मार्ग अवरुद्ध होने की जानकारी भी दी जाएगी। चारधामों पर घोड़े खच्चर चलाने वालों की जांच करें। साथ ही रास्ते पर चिह्नित स्थानों पर अस्थायी थाने, चौकी, पर्यटन बूथ, बैरियर स्थापित कर पुलिस बल तैनात किया जाए।

पुलिस महानिदेशक एपी अंशुमान ने अधिकारियों को एक वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में यह निर्देश दिया।अपर पुलिस महानिदेशक, अपराध एवं कानून, एपी अंशुमान ने अधिकारियों को एक वीडियो कॉन्फ्रेंस में चारधाम यात्रा को सकुशल सम्पन्न कराने के लिए कहा। उन्होंने कहा कि चारधाम यात्रा मार्ग का निरीक्षण किया जाए और नुकसान पहुँचाने वाले मार्गों को समय पर सही कराया जाए। जिलाधिकारी और अन्य अधिकारियों के साथ चारधाम यात्रा करके समस्याओं को हल करना चाहिए।

यमुनोत्री धाम और केदारनाथ में घोड़े और खच्चरों के रुकने के लिए जगह चिह्नित करें। साथ ही होटलों, ढाबों पर काम करने वालों और घोड़े-खच्चर चलाने वालों की जांच की जाएगी। दुकानों पर विभिन्न सामानों के निर्धारित मूल्यों की सूची दी जाए। कहा कि चारधाम के दौरान मिलने वाली शिकायतों का समाधान करने के लिए प्रत्येक जनपद में आसान पहुंच वाले स्थान पर एक सेल बनाया जाए। इन क्षेत्रों में एक नोडल अधिकारी नियुक्त किया जाए।

ये भी निर्देश दिए

-गढ़वाल परिक्षेत्र के सभी जिलों में चारधाम यात्रा कंट्रोल रूम स्थापित किया जाए।

-सड़क दुर्घटनाएं रोकने के लिए चेकिंग अभियान चलाएं।

-यात्रियों के साथ किसी भी प्रकार से दुर्व्यवहार न हो।

-यात्रा मार्ग पर समय से ब्लैक स्पॉट चिह्नित कर बोर्ड लगाए जाएं।

-सोशल मीडिया पर प्रसारित होने वाली फेक न्यूज की मॉनिटरिंग कर समय से खंडन किया जाए।

-चारधामों में पुलिस बल नियुक्त कर भीड़ प्रबंधन के उपाय पहले ही किए जाएं।

-मार्ग पर लगे सीसीटीवी कैमरों की स्थिति समय से चेक कराई जाए।

-पार्किंग स्थलों में अतिरिक्त स्थान न होने पर अस्थायी पार्किंग की व्यवस्था कराएं।

-हेली सेवा बुकिंग के नाम पर धोखाधड़ी से बचने के लिए अधिकृत वेबसाइट

SGRRU मे तीन दिन तक समा बांधेगे लोक और नेशनल कलाकार

(https://heliyatra.irctc.co.in) के माध्यम से बुक करने के लिए प्रेरित किया जाए।

-यात्रा मार्गों में क्षतिग्रस्त मार्ग और भूस्खलन संभावित क्षेत्र में चेतावनी बोर्ड लगाएं जाएं।

-आपदा संभावित क्षेत्रों में पहले से ही आपदा प्रबंधन टीम और एसडीआरएफ जवानों को नियुक्त किया जाए।