टिप्स:SGRRU में अंशुल भट्ट (आई.ए.एस.) ने दिया सिविल सेवा परीक्षा को क्रैक करने का मंत्र

0
5

देहरादून।उत्तराखंड के होनहार युवा अंशुल भट्ट, जिन्होंने संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) की सिविल सेवा परीक्षा 2023 में पूरे देश में 22वीं रैंक हासिल कर राज्य का नाम रोशन किया, गुरुवार को श्री गुरु राम राय विश्वविद्यालय में विद्यार्थियों से रूबरू हुए। उन्होंने न केवल अपने अनुभव साझा किए, बल्कि सिविल सेवा की तैयारी कर रहे युवाओं को सफलता के बहुमूल्य मंत्र भी दिए।

श्री गुरु राम राय विश्वविद्यालय, पटेलनगर स्थित ऑडिटोरियम में आयोजित प्रेरक वार्ता कार्यक्रम में मुख्य वक्ता के रूप में पधारे अंशुल भट्ट का कुलपति प्रो. डॉ. कुमुद सकलानी ने गर्मजोशी से स्वागत किया। उन्होंने कहा कि अंशुल की सफलता इस बात का प्रमाण है कि कड़ी मेहनत, संकल्प और समर्पण से कोई भी लक्ष्य असंभव नहीं।

संघर्ष से सफलता तक की प्रेरणादायक यात्रा अंशुल भट्ट की शैक्षणिक यात्रा कई मायनों में प्रेरणादायक रही है। उन्होंने अब तक उत्तराखंड के पौड़ी, हरिद्वार, रुड़की, अल्मोड़ा, हल्द्वानी, काशीपुर और रुद्रपुर सहित 10 अलग-अलग स्कूलों से शिक्षा प्राप्त की है। 12वीं कक्षा में 99% अंक हासिल करने के बाद उन्होंने स्नातक की पढ़ाई दिल्ली विश्वविद्यालय के प्रतिष्ठित सेंट स्टीफेंस कॉलेज से की, जहाँ वे छात्र प्रतिनिधित्व में भी सक्रिय रहे।

सफलता के सूत्र किए साझा विद्यार्थियों के साथ संवाद करते हुए अंशुल ने कहा कि सिविल सेवा में आना सिर्फ एक उपलब्धि नहीं, बल्कि एक बड़ी जिम्मेदारी है। उन्होंने बताया कि सीमित संसाधन कभी सफलता में बाधा नहीं बनते, बशर्ते व्यक्ति में समर्पण और लक्ष्य के प्रति स्पष्टता हो।

उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि सिविल सेवा की तैयारी सिर्फ दिल्ली, देहरादून या अन्य महानगरों में ही संभव नहीं, बल्कि छोटे शहरों और दूरदराज गांवों से भी यह मुकाम हासिल किया जा सकता है। अंशुल ने कहा, “मैं आज भी खुद को एक आकांक्षी मानता हूं, क्योंकि सीखने की प्रक्रिया कभी खत्म नहीं होती।”

तैयारी के लिए दी उपयोगी सलाह उन्होंने युवाओं को सिविल सेवा परीक्षा के पाठ्यक्रम की सीमाओं को समझने और महत्वपूर्ण टॉपिकों के संक्षिप्त लेकिन प्रभावी नोट्स बनाने की सलाह दी। साथ ही, विषयवस्तु को शॉर्टकट से नहीं, गहराई से पढ़ने की जरूरत पर बल दिया। विवेकानंद जी के विचारों को अपनी प्रेरणा बताते हुए उन्होंने विद्यार्थियों से कहा कि आत्मविश्वास और अनुशासन ही सफलता की कुंजी हैं।

छात्रों ने पूछे सवाल, अंशुल ने दिए स्पष्ट जवाब कार्यक्रम के दौरान छात्रों ने करियर और परीक्षा से जुड़े कई सवाल पूछे, जिनका अंशुल ने बेहद सहज और प्रभावी तरीके से उत्तर दिया।

इस प्रेरक आयोजन में मंच संचालन डॉ. श्रेया कोटनाला ने किया और कार्यक्रम को सफल बनाने में सिमरन अग्रवाल का विशेष योगदान रहा। मौके पर डॉ. जे.पी. पचौरी, डॉ. लोकेश गंभीर, डॉ. मालविका कांडपाल, डॉ. आर.पी. सिंह, प्रो. डॉ. अरुण कुमार, डॉ. द्वारिका प्रसाद मैठाणी सहित सभी विभागों के संकायाध्यक्ष, फैकल्टी सदस्य और बड़ी संख्या में छात्र-छात्राएं मौजूद रहे।